ठेकेदार शुभम खंडेलवाल ने खुदकुशी से पहले इस इंजीनियर को भी भेजा था सुसाइड नोट, पुलिस से शायद ज्यादा होशियार ये दोनों फरार आरोपी

डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।


होशियारी का दूसरा नाम पुलिस माना जाता है लेकिन ठेकेदार शुभम खंडेलवाल की खुदकुशी में फरार दोनों आरोपी एक माह से पुलिस को चकमा देने में सफल रहे हैं इसलिए इस प्रकरण में समझ में आता है कि शायद पुलिस से ज्यादा होशियार ये दोनों फरार आरोपी हैं।


इधर नगर निगम के गलियारों में एक और चर्चा चल पड़ी है कि 9 सितंबर को खुदकुशी करने से करीब 4-5 घंटे पहले ठेकेदार शुभम खंडेलवाल ने नगर निगम उज्जैन सहायक यंत्री व जोन 2 व 5 के प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव से उनके मोबाइल नंबर 94795-44055 पर तीन चार बार चर्चा कर खुदकुशी करने की अपनी पीड़ा भी सुनाई थी और साथ ही इसी नंबर पर अपना सुसाइड नोट भी वाट्सएप किया था। बावजूद सहायक यंत्री भार्गव इसे लेकर खामोश हैं। उन्होंने अब तक ये बात चिंतामन थाना पुलिस को भी नहीं बताई है।


गौरतलब है कि सुसाइड नोट के आधार पर ही चिंतामन पुलिस ने नगर निगम के उपयंत्री संजय खुजनेरी, सहायक उपयंत्री नरेश जैन व ठेकेदार तन्मय उर्फ चीनू वदेका पर धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) व धारा 34 (एक से अधिक आरोपी) के तहत प्रकरण दर्ज किया था। आरोपी चीनू गिरफ्तार होकर जेल भेजा जा चुका है वहीं एसपी मनोज सिंह द्वारा 3-3 हजार रुपए का इनाम घोषित होने के बाद भी आरोपी खुजनेरी व जैन अब तक पुलिस को चकमा देने में सफल हैं। इस दौरान फरारी में ही वे करीब तीन मर्तबा अपनी अग्रिम जमानत की अर्जी न्यायालय में लगा चुके हैं। बावजूद अग्रिम जमानत की ये सारी अर्जियां न्यायालय ने खारिज कर दी। 8 अक्टूबर को इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ न्यायाधीश श्री रोहित आर्य द्वारा आरोपी खुजनेरी व जैन के वकील द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत अर्जी इस आदेश के साथ खारिज कर दी कि-"आज से 15 दिन के अंदर सरेंडर करें। उसके बाद रेगुलर बेल के लिए एप्लिकेशन दे। अगर कानून के नियम अनुसार आएगा तो जमानत पर विचार किया जाएगा। कुल मिलाकर एक माह बाद भी पुलिस फरार आरोपी संजय खुजनेरी व नरेश जैन को गिरफ्तार करने में सफल नहीं हो सकी है। यदि वे 15 दिन के भीतर सरेंडर कर देते है तो देखना होगा कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने का ढिंढोरा पिटेगी या फिर सच्चाई से कबूल करेगी कि-"हकीकत में पुलिस से ज्यादा होशियार ये दोनों फरार आरोपी थे"


इंजीनियर भार्गव को वाट्सएप कर बताया था द्रोणाचार्य


(हुलिए से मॉडल नजर आते इंजीनियर पीयूष भार्गव)


निगम के गलियारों में ये चर्चा भी है कि खुदकुशी से पहले ठेकेदार शुभम खंडेलवाल ने इंजीनियर पीयूष भार्गव को वाट्सएप मैसेज भी किया तहस। जिसमें उसने लिखा था कि-"मैं आपका एकलव्य हूं और आपको मैंने द्रोणाचार्य समझा लेकिन आपने मेरा अंगूठा भी मांग लिया और मेरी मदद भी नहीं की"। इस मैसेज का इंजीनियर भार्गव ने क्या जवाब दिया या फिर नहीं दिया। इस सच्चाई का सही खुलासा पुलिस पूछताछ के बाद ही हो सकती है लेकिन सूत्र बताते है कि इंजीनियर भार्गव व ठेकेदार शुभम के बीच घनिष्ठ पारिवारिक संबंध है। वे शुभम की एक बहन को वे अपनी सगी बहन से भी अधिक मानते हैं। फिर भी शुभम की खुदकुशी के बाद वे उसे देखने न ही जेके अस्पताल गए और न ही पोस्टमार्टम व न ही अंतिम यात्रा में शामिल हुए और न ही अब तक उसके परिवार का हाल जानने के लिए उसके घर पर पहुंचे। इन सब बातों की भी निगम में खासी चर्चा है। सही व अधिक जानकारी के लिए इंजीनियर पीयूष भार्गव से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।


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