डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
नगर निगम ठेकेदार शुभम खंडेलवाल की खुदकुशी की जांच महाकाल सीएसपी डॉ. रजनीश कश्यप द्वारा की जा रही है। इस मामले में चिंतामन पुलिस ने निगम उपयंत्री संजय खुजनेरी, सहायक उपयंत्री नरेश जैन व ठेकेदार तन्मय उर्फ चीनू वदेका के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया है। फिलहाल तीनों ही आरोपी फरार है। वे पुलिस को चकमा देकर न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए पहुंचने में सफल हो जा रहे हैं।
इधर पुलिस ने अब तक की जांच में ठेकेदार शुभम खंडेलवाल की आत्महत्या की वजह खोजी है लेकिन फिलहाल पुलिस इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं कर रही है।
अब तक की जांच में ठेकेदार शुभम खंडेलवाल की मौत में ये वजह सामने आई
ठेकेदार शुभम खंडेलवाल की मौत के मामले में पुलिस ने अब तक की जांच में पाया है कि उसके द्वारा वार्ड 25 में नाला निर्माण किया गया था। इस नाला निर्माण का 19 लाख का बिल सहायक उपयंत्री नरेश जैन के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। चूंकि माप पुस्तिका में लेखा-जोखी सहायक उपयंत्री जैन के लिए काला अक्षर भैंस बराबर रहता है इसलिए उन्होंने नाला निर्माण के लागत माप के लिए ठेकेदार शुभम को प्रभारी उपयंत्री संजय खुजनेरी के पास भेजा। यहां उपयंत्री खुजनेरी ने 19 लाख के बिल के माप में से 10 लाख रुपये काट दिए और नाला निर्माण में 9 लाख रुपए स्वीकृति की बात कही। एक साथ 10 लाख रुपए की राशि कट जाने से ठेकेदार शुभम खंडेलवाल परेशान रहने लगा। इधर 2 माह के लॉकडाउन से पहले ही आर्थिक रूप से उसकी कमर टूट चुकी थी। निर्माण के पूरे भुगतान के लिए उसने कुछ जिम्मेदार भाजपा नेताओं से भी संपर्क साधा लेकिन जैसे ही 19 लाख की राशि की जानकारी उनके सामने आती। कमीशनबाजी के लिए उनके भी लालच की लार टपकने लगती। इससे ठेकेदार शुभम खंडेलवाल और परेशान रहने लगा। इधर भुगतान को लेकर दो-तीन मर्तबा ठेकेदार शुभम खंडेलवाल की उपयंत्री संजय खुजनेरी व सहायक उपयंत्री नरेश जैन से तीखी बहस भी हो चुकी थी। जिस पर अपने रसूख का इस्तेमाल कर संजय खुजनेरी व नरेश जैन ने मिलकर उसके खिलाफ थाने में घर पर पत्थर बाजी का झूठा मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। वहीं ठेकेदार शुभम खंडेलवाल को ये जानकारी भी लग चुकी थी कि संजय खुजनेरी व नरेश जैन ने मिलकर उसके घर को अवैध बताकर तोड़ने की तैयारी कर ली है। इसके बाद 19 लाख के बिल भुगतान में मध्यस्थता के तौर पर उपयंत्री खुजनेरी व सहायक उपयंत्री जैन के भरोसेमंद ठेकेदार तन्मय उर्फ चीनू वदेका की एंट्री हुई। उसने मध्यस्थता करवाई। तब उपयंत्री संजय खुजनेरी ने ठेकेदार शुभम खंडेलवाल से स्पष्ट किया कि 3 लाख रुपए नकद दे जाओ और 16 लाख के निर्माण के भुगतान की माप स्वीकृति ले जाओ। बात नकद 3 लाख की रिश्वत पर अटक गई। ठेकेदार शुभम खंडेलवाल गुहार लगाता रहा कि 16 लाख का भुगतान करवा दो। राशि आने के बाद उसमें से तीन लाख रुपए नकद दे दूंगा क्योंकि अभी उसकी तीन हजार रुपए भी नकद देनी की स्थिति नहीं है। बावजूद उपयंत्री खुजनेरी व सहायक उपयंत्री जैन 3 लाख नकद पहले का दबाव बनाते रहे। इसे लेकर दोनों पक्षों में दो-तीन मर्तबा बहसबाजी भी हुई। अंततः हार कर ठेकेदार शुभम खंडेलवाल ने मौत को गले लगाना ही सरल समझा। दोपहर में सोशल मीडिया पर अपना सुसाइड नोट जारी किया और देर शाम अपने तरीके से उसने आत्महत्या कर ली।
(नोट- जानकारी अतिविश्वस्नीय सूत्रों के मुताबिक)