आशिक मिजाज आईपीएस के अब इन पटवारी भाई के मकान में युवक-युवती संदिग्ध अवस्था में पकड़े गए, पुलिस ने की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही

डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।


प्रदेश के आईपीएस चंद्रशेखर सौलंकी की आशिक मिजाजी तब ही सिद्ध हो गई थी, जब एक महिला एसआई द्वारा लिखित शिकायत और सरकारी दस्तावेज पर लिखी अपनी प्रताड़ना की जांच के बाद तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह ने उन्हें ताबड़तोड़ देवास एसपी के पद से हटाते हुए पीएचक्यू अटैच कर दिया था। तभी से वे लूपलाइन में चल रहे थे।


हाल ही में राज्य शासन ने उन्हें लूपलाइन से निकाल कर इंदौर ग्रामीण डीआईजी की जिम्मेदारी सौंपी है। संभवतः प्रभार लेने से पहले ही अब उनके उज्जैन में वेदनगर स्थित पटवारी भाई राजेंद्र सौलंकी के मकान से नानाखेड़ा पुलिस ने एक युवक व एक युवती को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा है। पुलिस का दावा है कि दोनों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।


आमआदमी या सिर्फ पटवारी का ही घर होता तो पुलिस अब तक कर चुकी होती ये कार्यवाही


✓ वेदनगर स्थित जिस मकान में युवक-युवती संदिग्ध अवस्था में मिले हैं, यदि वह घर इंदौर ग्रामीण डीआईजी के भाई का न होकर किसी आमआदमी या सिर्फ पटवारी का ही होता तो यही नानाखेड़ा पुलिस सबसे पहले बिना बात सुन मकान मालिक को दबोच कर थाने ले आती।


✓ यदि ये मकान आईपीएस के भाई का न होता और फिर भले ही मकान मालिक पटवारी भी होता तो यही नानाखेड़ा पुलिस कोई कहानी नहीं सुनती बल्कि सबसे पहले किराया अनुबंध दस्तावेज पर जोर डालती और इस प्रकरण की जानकारी लगते ही प्रशासन भी अपने पटवारी को अब तक निलंबित कर चुका होता।


✓  यदि ये मकान आईपीएस के भाई का नहीं होता तो यही नानाखेड़ा पुलिस हकीकत में कमरे से पकड़े गए मंगेतर को भी कॉलगर्ल ठहरा देती और भव्य प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर ढींगे हांकती कि- पटवारी के घर चल रहा था अवैध जिस्मफरोशी का अड्डा।


✓ यदि ये मकान आईपीएस के भाई का नहीं होता तो यही नानाखेड़ा पुलिस किराया अनुबंध नहीं प्राप्त होने पर पटवारी के खिलाफ मकान में अवैध गतिविधियां संचालित करने का मुकदमा अलग से ठोंक चुकी होती और यदि अनुबंध मिल भी जाता तो भी पुलिस को किराएदार की सूचना नहीं देने के एवज में कलेक्टर के आदेश की अवहेलना की धारा 188 में भी एफआईआर दर्ज कर चुकी होती।


✓ यदि ये मकान इंदौर ग्रामीण डीआईजी के भाई का नहीं होता तो यही नानाखेड़ा पुलिस नगर निगम से उक्त मकान की अनुमति खंगाल चुकी होती और यदि बिना अनुमति का निर्माण पाया जाता तो अब तक नगर निगम के सहयोग से उसे ढहा भी देती।


✓ यदि ये मकान आईपीएस के भाई का नहीं होता तो यही नानाखेड़ा पुलिस लोकायुक्त पुलिस से पटवारी की आय से अधिक संपत्ति की जांच करवा चुकी होती और आय अधिक पाए जाने पर प्रकरण भी दर्ज करवा चुकी होती।


✓ कुल मिलाकर यदि ये मकान इंदौर ग्रामीण डीआईजी के भाई का न होकर किसी आमआदमी या फिर सिर्फ पटवारी का ही होता तो यही नानाखेड़ा पुलिस इस प्रकरण को पहाड़ से राई नहीं बनाती बल्कि ऐसा बना देती कि जैसे उन्होंने इंटरनेशनल सैक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है।


इनका कहना


वेदनगर स्थित पटवारी राजेंद्र सौलंकी के मकान से एक युवक व युवती को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा है। दोनों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे। तथ्यों के आधार पर संबंधित दोषियों के खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कानूनी कार्यवाही की जाएगी।


- तरुण कुरील, एसआई व प्रभारी टीआई नानाखेड़ा।


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