डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
प्रदेश के ज्यादातर पुलिसकर्मियों की आज राखी फीकी रहेगी। वजह है पुलिस मुख्यालय भोपाल से जारी हुआ एक फरमान। इस फरमान के कारण अब पुलिसकर्मी अवकाश स्वीकृत होने पर भी जिला मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। कोरोना संकट का हवाला देकर 3 दिनों के भीतर प्रदेश पुलिस की समस्त इकाइयों को ये दूसरा बड़ा झटका है।
इस झटके के बाद सोशल मीडिया पर उभरी पुलिस की पीड़ा राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ एडवोकेट विवेक के तनखा को दिखाई दी तो ये झटका उन्हें भी खटका। जिस पर उन्होंने पुलिसकर्मियों के समर्थन में एक पत्र गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को लिख फरमान के संशोधन की मांग की है। इधर दूसरे झटके का फरमान जारी होते ही कुछ पुलिसकर्मियों ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर चुटकलेबाजी शुरू कर दी है। जिसमें कॉमेडी के साथ उनकी पीड़ा भी साफ दिखाई दे रही है।
झटका एक: पुलिसकर्मियों की काल्पनिक वेतनवृद्धि
प्रदेश के पुलिसकर्मियों को पहला झटका 29 जुलाई 2020 को लगा। इस दिन पुलिस मुख्यालय भोपाल के उप पुलिस अधीक्षक (लेखा) ने समस्त पुलिस इकाइयों के नाम एक फरमान जारी कर स्पष्ट किया कि राज्य शासन वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 883/2020 नियम चार दिनांक 27 जुलाई 2020 के द्वारा निर्देशित किया जाता है कि माह 01 जुलाई 2020 में एवं 01 जनवरी 2021 को देय वार्षिक वेतनवृद्धि काल्पनिक रूप से दी जाएगी। इस झटके की जानकारी लगते ही आधे से ज्यादा पुलिसकर्मी बैजू बावरा बन इधर-उधर राग अलापने लगे।
झटका दो: अवकाश स्वीकृति पर भी जिला मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं
29 जुलाई के पहले झटके से पुलिसकर्मी उभरे भी नहीं थे कि 01 अगस्त 2020 को डीजीपी विवेक जौहरी के फरमान के तौर पर उनके समक्ष दूसरा झटका आ गया। उन्होंने प्रदेश की समस्त पुलिस इकाई प्रमुख, जिला एसपी, जिला सेनानी व समस्त रेल पुलिस एसपी के नाम एक फरमान जारी किया। इस फरमान में स्पष्ट किया गया कि पुलिसकर्मियों के कोरोना से बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को अपना मुख्यालय छोड़ने की अनुमति वाले अवकाश की स्वीकृति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाती है। सभी रैंक के स्वीकृतशुदा अवकाश पर रवानगी अगले आदेश तक जोन के प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक की अनुमति से होगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल पारिवारिक एवं स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी पर ही अवकाश स्वीकृति/मुख्यालय छोड़ने की अनुमति दी जाए। इस दूसरे झटके के बाद आधे से ज्यादा पुलिसकर्मी शायर बन शायरी करने लगे। शायरी या चुटकुलों के माध्यम से वे सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।
पुलिसकर्मियों के समर्थन में ये है सांसद तनखा के पत्र का मजमून
प्रदेश पुलिसकर्मियों पर दूसरा झटका राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ एडवोकेट विवेक के तनखा की आंखों में भी खटका इसलिए उन्होंने पुलिसकर्मियों के समर्थन में 02 अगस्त 2020 को एक पत्र प्रदेश के गृहमंत्री को लिख डीजीपी के आदेश संशोधन की मांग की है। पत्र में जिक्र है कि प्रिय नरोत्तम मिश्रा जी सर्वप्रथम प्रदेश की वर्तमान सरकार में गृह विभाग जैसे अति महत्वपूर्ण विभाग की कमान संभालने के लिए आपको शुभकामनाएं। इसके पूर्व भी पुलिस मुख्यालय ने एक अपरिपक्व आदेश जारी किया था। माननीय मंत्री जी मुझे उम्मीद है कि वर्तमान परिस्थितियों में पुलिस कर्मचारियों विशेषकर निचले अमले की कठिनाइयों एवं मन स्थिति को ध्यान में रखते हुए कि वो भी एक परिवार का हिस्सा हैं और छुट्टी पर उनका भी अधिकार है। मेरे अनुरोध पर आप उचित निर्णय लेंगे।
सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों की कुछ शायरी या चुटकले
✓ WHO रिपोर्ट- मध्यप्रदेश में पुलिसवालों के कारण फैल रहा था कोरोना। केवल अवकाश जाने के दौरान फैला रहे थे संक्रमण। इसे रोकने के उपाय भी WHO ने बताए हैं।
(1) अवकाश पर रोक
(2) वेतनवृद्धि या अन्य वित्तीय भुगतान रोकना ताकि आर्थिक तंगी के कारण अवकाश पर जाने की सोच ही न पाए।
✓ WHO कोरोना फैलने की सही जानकारी का पता नहीं कर पाया और पुलिस विभाग ने पता कर लिया कि पुलिसकर्मियों के घर जाने पर कोरोना होता है।
✓ माल जमा करने भोपाल, सागर, ग्वालियर, जबलपुर जाओगे तो तब कोरोना नहीं होगा। डाक अथवा माल लेकर भोपाल जाओगे, तब भी कोरोना नहीं होगा। मुलजिम पेशी पर जाओगे, तब भी कोरोना नहीं होगा। वारंटी पकड़ने जाओगे, तब भी कोरोना नहीं होगा।
सिर्फ पुलिस छुट्टी जाएगी तभी कोरोना होगा। ऐसे वैज्ञानिकों की जरूरत नासा में है, उनको नासा भेजा जाना चाहिए।