जिस्मफरोशी व ब्लैकमेलिंग के आरोप में सस्पेंड इन पुलिसकर्मियों पर इसलिए बनता है डकैती का मुकदमा, खाकी की आड़ में ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।


एसपी मनोज सिंह ने शुक्रवार देर शाम नानाखेड़ा टीआई सतनाम सिंह को लाइन अटैच करते हुए एसआई विकास देवड़ा, कांस्टेबल संजीव सिंह (संजू), सुनील बिठोरे व राममूर्ति को सस्पेंड कर दिया। इनके खिलाफ जिस्मफरोशी के धंधे में विक्रमादित्य क्लॉथ मार्केट के कपड़ा व्यापारी कोठारी (पूरा नाम इसलिए नहीं दिया जा रहा ताकि ये परिवार व समाज की नजरों से गिरने से खुद को बचा सके) से करीब ढाई लाख रुपए ब्लैकमेलिंग की जांच नानाखेड़ा सीएसपी एचएन बाथम कर रहे थे। 


आरोप लगने पर ही एसपी सिंह ने टीआई सिंह व एसआई देवड़ा को छोड़ बाकी तीनों कांस्टेबलों को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर उनके खिलाफ जांच बैठाई थी। इस जांच में आरोप सही पाए जाने पर ही एसपी सिंह ने टीआई सिंह को लाइन अटैच करते हुए एसआई देवड़ा, कांस्टेबल संजीव सिंह, सुनील बिठोरे व राममूर्ति को सस्पेंड कर दिया। चूंकि जांच में आरोप सिद्ध हुए हैं। एसपी सिंह ने भी इस प्रकरण में टीआई सहित पांच पुलिसकर्मियों को विभागीय सजा दी है। इस लिहाज से प्रकरण में आरोपियों की संख्या पांच है। इसलिए इन सभी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ नानाखेड़ा थाने पर ही डकैती, ब्लैकमेलिंग सहित अन्य संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज होना चाहिए ताकि समाज के सभी वर्गों में ये मैसेज भी जा सके कि कानून से बड़ा कोई नहीं।


एसपी से सजा प्राप्त टीआई व सस्पेंड पुलिसकर्मियों की भूमिका और इसलिए दर्ज होना चाहिए डकैती का मुकदमा


टीआई सतनामसिंह- हालांकि टीआई सतनामसिंह को नानाखेड़ा थाने पर पदस्थ हुए डेढ़ से दो माह ही हुए थे लेकिन जो बयान दोषी पुलिसकर्मियों ने सीएसपी बाथम के समक्ष कबूले हैं। यदि इन बयानों का सार निकाला जाए तो सामने आएगा कि इन पुलिसकर्मियों ने लालच का चश्मा टीआई सिंह को पहना रखा था। जिस पर इस लालच के चश्मे के बलबूते ये सस्पेंड पुलिसकर्मी टीआई सिंह को जैसा दिखाते थे। वे वैसा ही देखते थे। सस्पेंड इन पुलिसकर्मियों ने सीएसपी बाथम के समक्ष कबूला है कि ऐसे ही एक प्रकरण में उन्होंने दमदमा निवासी युवक से डेढ़ लाख रुपए ऐंठे थे। जिसमें उन्होंने टीआई सिंह को 50 हजार, होटल अंजुश्री इन के पीछे एक मामले में 50 हजार व ताजा मामले में एक लाख रुपए दिए थे। इस लिहाज से टीआई सिंह पर सीधे डकैती का मुकदमा न सही पर डकैती की योजना का मुकदमा तो बनता ही है।


एसआई विकास देवड़ा- कॉलगर्ल गिरोह में शामिल मेघा नाम की युवती इनकी खास सहेली है। इनकी सहेली मेघा ही गिरोह की मुखिया है। कपड़ा व्यापारी कोठारी को उलझाने व ब्लैकमेलिंग में मेघा के कॉल और गर्ल में बतौर अधिकारी दबिश देने में एसआई देवड़ा की विशेष भूमिका रहती है। इसलिए इनके खिलाफ डकैती व ब्लैकमेलिंग का मुकदमा जायज है। 


कांस्टेबल संजीव सिंह- थाना बनने के बाद से ही ये करीब 7-8 साल से नानाखेड़ा पर पदस्थ है। इसलिए थाना क्षेत्र की हर भौगोलिक स्थिति से परिचित है। इनके साथी पुलिसकर्मी ही बताते है कि यदि इनकी आंखों पर काली पट्टी बांधकर भी इन्हें थाने से छोड़ दो तो वे उन गली-कूचों में पहुंच जाएंगे। जहां जुआं-सट्टा चलता है या फिर चलवाया जा सकता है। ताजा मामले में इनकी विशेष भूमिका पाई गई है। जिसके बाद ही इन्हें लाइन अटैच कर फिर सस्पेंड किया गया है। इसलिए इनके खिलाफ भी डकैती व ब्लैकमेलिंग का मुकदमा बनता है।


कांस्टेबल सुनील बिठोरे- करीब साल भर पहले नानाखेड़ा थाने पर आए थे। इसके पहले सट्टे-जुआ चलवाने के आरोप में तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने इन्हें तराना थाने से सस्पेंड कर विभागीय जांच बैठाई थी। ये पहले से ही शादी शुदा हैं। बावजूद ताजा मामले में व्यापारी कोठारी से ढाई लाख की ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल की गई पूजा को भी इन्होंने पत्नी बता रख छोड़ा था। ये खुद पूजा ने ही सीएसपी बाथम के समक्ष कबूला है। उसने ये भी कबूला है कि कांस्टेबल बिठोरे ने उसकी एक अन्य व्यापारी से शादी करवा दी थी। फिर उससे डेढ़ लाख रुपए ऐंठकर तलाक भी करवा दिया था। ताजा मामले में सस्पेंड हुए हैं इसलिए इनके खिलाफ भी डकैती व ब्लैकमेलिंग का मुकदमा बनता है।


कांस्टेबल राममूर्ति- ये सिर्फ नाम के ही राममूर्ति माने जाते हैं बल्कि काम से ये पूरे रावणमूर्ति की तरह नजर आते हैं। थाने पर भी ये सिर्फ कामपूर्ति के लिए ही जाते हैं। ताजा मामले में आरोप सिद्ध होने पर ये भी लाइन अटैच के बाद सस्पेंड हुए हैं। इसलिए इनके खिलाफ भी नानाखेड़ा थाने पर ही डकैती व ब्लैकमेलिंग का मुकदमा बनता है।


(नोट- जानकारी पुलिस विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, ये जानकारी खुद दोषी पुलिसकर्मियों ने सीएसपी बाथम के समक्ष कबूली हैं। अब इनमें किन बातों को लिखित में दर्ज किया गया है और किन बातों को मौखिक तौर पर लिया गया। वे ही ठीक से बता सकते हैं। )


ऐसे देते थे वारदात को अंजाम


इंदौर रोड स्थित महावीर बाग कॉलोनी में सुमित लश्करी नाम युवक के तीन-चार मकान हैं। कांस्टेबल बिठोरे की कथित पत्नी पूजा, एसआई देवड़ा की सहेली मेघा अन्य युवती सहित नेहा व दीपा को साथ लेकर यहीं पर जिस्मफरोशी के धंधे के नाम पर लोगों को अपनी ब्लैकमेलिंग का शिकार बनाते थे। गिरोह की कोई सी भी गर्ल इनके इशारे पर कॉल कर ग्राहक को ऑफर देती थी। जैसे ही ग्राहक वहां पहुंचता और मौसम का लुफ्त उठाने की कोशिश करता, वैसे ही एसआई देवड़ा, कांस्टेबल संजीव उर्फ संजू, बिठोरे, राममूर्ति व उनके निजी साथी वहां पहुंच जाते। जाते ही ये उनके अर्धनग्न फोटो व वीडियो बना लेते। इसके बाद ग्राहक से मारपीट करते और दिखावे के लिए कॉलगर्ल से भी अपशब्द बोलते। मौके पर ही सौदा पट जाता तो ठीक नहीं तो फिर थाने लाकर राजीनामे के नाम पर डकैती को अंजाम देते थे।


इनका कहना


आरोप गंभीर थे इसलिए तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल लाइन अटैच कर जांच बैठाई गई थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर नानाखेड़ा टीआई सतनामसिंह को लाइन अटैच कर एसआई देवड़ा सहित तीनों कांस्टेबलों को सस्पेंड कर दिया गया है। फरियादियों के सामने आने पर व पुख्ता तथ्य पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है।


- मनोज सिंह, एसपी उज्जैन।


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