डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
उज्जैन एसपी मनोज सिंह एक नेकदिल IPS अफसर माने जाते हैं। 52-53 की उम्र में भी वे 12-12 घंटे फील्ड में रहकर ड्यूटी देने से नहीं घबराते हैं लेकिन वर्तमान में वे खुद कोरोना संकट से जूझ रहे हैं।
जानकारी लगी है कि शनिवार देर रात या फिर रविवार अलसुबह अचानक और तबियत बिगड़ने से उन्हें इन्दौररोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उज्जैन एसपी सिंह एक नेकदिल अफसर हैं। 24 घंटे वे उज्जैन जिले की बेहतरी के लिए सोचते हैं और कार्य करते हैं इसलिए शिवराज सरकार को क्या ये नहीं चाहिए कि उनकी सेहत का ख्याल व उनसे हमदर्दी रखते हुए उन्हें इलाज व आराम के लिए लंबा बेडरेस्ट दे। उज्जैन एसपी सिंह अपने स्टाफ की सेहत का भी पूरा ख्याल रखते हैं। थोड़ी सी लापरवाही ने कोरोना ने नीलगंगा टीआई यशवंत पाल को पुलिस महकमे से छीन लिया था। इसके बाद नीलगंगा टीआई कुलवंत जोशी में भी जब कोरोना के लक्षण पाए गए तो उन्होंने उनका ख्याल व हमदर्दी रखते हुए टीआई जोशी को नीलगंगा थाने से हटाते हुए लंबे बेडरेस्ट पर भेज दिया था। एसपी सिंह की दयालुता के चलते वे अब तक बेडरेस्ट पर हैं। अब खुद एसपी सिंह इस बीमारी से उपचाररत हैं। जिस पर चाहकर भी जिले का कोई आला अफसर हमदर्दी वश उनके लंबे बेडरेस्ट का फैसला नहीं ले सकता क्योंकि उनके बेडरेस्ट के फैसले का अधिकार सिर्फ शिवराज सरकार के पास ही सुरक्षित है। उज्जैन एसपी सिंह करीब चार-पांच दिनों से कोरन टाईन थे। चूंकि उज्जैन एक संवेदनशील जिला है। यहां 12 माह और 24 घंटे तीज-त्योहारों का मेला भी रहता है। 52-53 की उम्र में स्वस्थ रहते एसपी सिंह की ऊर्जा में कोई कमी नहीं रहती लेकिन वे अभी अस्वस्थ हैं इसलिए शिवराज सरकार को भी चाहिए कि वे उन पर पूरी हमदर्दी बरते और उन्हें ठीक वैसे ही बेडरेस्ट पर रखे, जैसे उन्होंने अपनी दयालुता का भाव रखते हुए टीआई जोशी सहित अन्य को बेडरेस्ट पर रखा है। उज्जैन एसपी सिंह को इन्दौररोड के किस अस्पताल में भर्ती किया गया है या फिर प्रारंभिक उपचार करवा वे वापस कोरनटाईन हो गए हैं। इस जानकारी की पुष्टि के लिए उन्हें करीब चार कॉल किए गए। जिनमें दो कॉल में उनका मोबाइल व्यस्त बताता रहा और दो कॉल में लंबी रिंग जाती रही लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस दौरान मोबाइल व्यस्त रहा था इसलिए हो सकता है कि वे उपचाररत हो और उनका मोबाइल परिवार के किसी सदस्य या फिर स्टाफ के पास हो।