डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
एक ठेकेदार करीब 9 साल से हैवान बनकर एक विवाहिता की इज्ज़त तार-तार कर रहा है लेकिन इस संवेदनशील मामले में फरियादिया के पुलिस बयान दर्ज होने के तीन माह बाद भी इन एसआई ने अब तक न आरोपी के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई ठोस कार्यवाही की और न ही कोई एफआईआर दर्ज की।पीड़ित महिला ने कई बार एसआई से आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की गुहार लगाई लेकिन हर बार एसआई ने कोरोना संकट का हवाला देकर उसे चलता कर दिया।
आरोपी ठेकेदार साजिद एहमद पिता सुल्तान एहमद निवासी बिलोटीपुरा है। इसके खिलाफ 11 फरवरी को मुनिनगर निवासी विवाहिता सुनीता (परिवर्तित नाम) ने उज्जैन आईजी कार्यालय व प्रदेश महिला आयोग अध्यक्ष से शिकायत की थी। आईजी कार्यालय से शिकायत की जांच नानाखेड़ा थाने पहुंची थी। यहां 18 फरवरी को एसआई मुनेंद्र गौतम ने खुद विवाहिता के बयान दर्ज किए थे। विवाहिता द्वारा अपने बयान में आरोपी ठेकेदार द्वारा 9 वर्षों की हैवानियत का दर्द बयां किया गया था। विवाहिता ने जिस तरह की शिकायत की व अपने बयान दर्ज करवाये। उस आधार पर आरोपी के खिलाफ तत्काल ही एफआईआर दर्ज कर अब तक गिरफ्तारी हो जानी चाहिए थी पर तीन माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी वह खुली हवा में आजाद कैसे घूम रहा है इसकी सही वजह एसआई गौतम ही बता सकते हैं।
हैवानियत की निशानी 7 साल की मासूम बच्ची भी
ठेकेदार साजिद एहमद द्वारा विवाहिता सुनीता से लगातार 9 वर्षों से हैवानियत की निशानी उसकी 7 साल की मासूम बच्ची भी है। विवाहिता ने अपनी शिकायत और पुलिस बयान में जिक्र किया है कि वह मूलतः उज्जैन की निवासी है। राजस्थान के भीलवाड़ा में उसका विवाह हुआ था। पति की गलत आदतों के चलते वह शादी के तीन साल बाद अपने इकलौते पुत्र को साथ लेकर वह उज्जैन लौट आई थी। यहां अपने पैरों पर खड़े होकर उसने मुनिनगर में खुद की कमाई से एक मकान खरीदा था। पति से विवाद का न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन था। आरोपी साजिद एहमद 2008 में घर के सामने ही व्यासनगर निर्माण का ठेकेदार था। इसी दौरान वह उसके संपर्क में आई थी। आरोपी साजिद एहमद ने तब पति के विवाद में न्यायालय में खुद के साले का वकील होने पर मदद करने की हमदर्दी जताकर संपर्क बनाए थे। 2010 की एक रात आरोपी साजिद एहमद उसके घर घुस आया और जोर जबरदस्ती से उसके साथ खोटा काम किया। इसके बाद कभी जोर जबरदस्ती से तो कभी शादी का झांसा देकर लगातार 9 वर्षों से उसके साथ ज्यादती कर रहा है। आरोपी साजिद एहमद से उसकी 7 साल की मासूम बच्ची भी है।
साथी के साथ मिलकर धोखाधड़ी को भी दिया अंजाम
फरियादी सुनीता ने अपनी शिकायत व पुलिस बयान में आरोपी के तौर पर विजय अग्रवाल के नाम का भी जिक्र किया है। शिकायत व अपने पुलिस बयान में उसने बताया है कि 2014 में उसे बिजनेस के लिए लोन की जरूरत थी। तब साजिद ने उसे बहला फुसलाकर आरोपी विजय अग्रवाल से यह कहकर मिलाया कि उसकी बैंक में तगड़ी सेटिंग है। इन्हें अपने सोने-चांदी के जेवरात देकर कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर कर दो और बतौर सिक्युरिटी बावत चेक दे दो। 4-6 महीने में आसानी से तुम्हारा लोन हो जाएगा। जिस पर आरोपी साजिद की बातों में आकर उसने ऐसा ही किया। अब जाकर जानकारी मिली की आरोपी साजिद और उसके साथी विजय ने उसके सोने-चांदी के जेवर हड़प लिए व मकान गिरवी रखकर नकद राशि भी हड़प ली। साथ ही आरोपी विजय की ओर से चेक बाउंस का प्रकरण न्यायालय में लगवा दिया। फरियादिया ने अपनी शिकायत में ये भी जिक्र किया है कि आरोपी साजिद एहमद व विजय अग्रवाल रसूखदार व्यक्ति हैं। पैसे वाले होने के कारण नेताओं एवं पुलिस से इनकी गहरी साठ-गांठ है। उक्त दोनों व्यक्तियों द्वारा फरियादिया को शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।
एसआई गौतम छुट्टी पर, थाने पर चर्चा कि आते ही संभालेंगे जवासिया नवीन थाने का प्रभार
एसआई मुनेंद्र गौतम नानाखेड़ा थाने पर पदस्थ हैं। इनके पास ही शिकायत की जांच पहुंची थी। जिस पर इन्होंने 18 फरवरी को फरियादी को थाने बुलवाकर उसके बयान दर्ज किए थे लेकिन इसके बाद उन्होंने इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की। ये अभी अवकाश पर हैं लेकिन इनके बारे में नानाखेड़ा थाने पर चर्चा है कि ये अवकाश से लौटते ही नवीन चिंतामन जवासिया का प्रभार लेंगे। थाने के सूत्र ही बताते है कि एसआई गौतम साहब खुद बोलकर गए है कि उनकी चिंतामन जवासिया थाने को लेकर तगड़ी सेटिंग हो गई है इसलिए वे अवकाश पर जा रहे हैं और लौटते ही वे सीधे चिंतामन जवासिया और उनके महाकाल थाने पर पदस्थ एसआई मित्र पंवासा थाने का प्रभार संभालेंगे। फरियादी सुनीता के प्रकरण में पूंछे जाने पर एसआई गौतम ने बताया कि उन्हें धुंधला-धुंधला तो याद है कि उन्होंने महिला के बयान दर्ज किए हैं लेकिन वे अभी अवकाश पर हैं इसलिए लौट कर ही सारे दस्तावेज देख वे बता सकेंगे कि प्रकरण में सही स्थिति क्या है।
हर बार कोरोना संकट का हवाला देकर टाल देते हैं एसआई गौतम: पीड़ित विवाहिता
पीड़ित विवाहिता ने बताया कि वह महज सातवीं तक पढ़ी-लिखी है। उसने 11 फरवरी को आरोपी साजिद एहमद और विजय अग्रवाल के खिलाफ एक लिखित शिकायत उज्जैन आईजी व प्रदेश महिला आयोग अध्यक्ष भोपाल से की थी। इसी शिकायत के संबंध में 18 फरवरी को नानाखेड़ा थाने पर एसआई मुनेंद्र गौतम ने उसके बयान दर्ज किए थे। अपने बयानों में उसने आरोपी साजिद एहमद की 9 वर्षों की हैवानियत और साथी विजय अग्रवाल के साथ मिलकर की गई धोखाधड़ी का दर्द दर्ज करवाये थे। इसके बाद वह कई बार एसआई गौतम से प्रत्यक्ष मिली और मोबाइल पर संपर्क किया लेकिन हर बार उन्होंने कोरोना संकट का हवाला देकर उसे टाल दिया। पीड़ित विवाहिता ने ये भी बताया कि आरोपी साजिद एहमद की हैवानियत से उसकी 7 साल की एक बच्ची भी है। प्रकरण में उसके महिला आयोग में भी बयान दर्ज हो चुके हैं। फिर भी आरोपी अब तक आजाद घूम रहे हैं। उक्त प्रकरण में सही पक्ष जानने के लिए आरोपी साजिद एहमद के मोबाइल नंबर 98260-93404 पर संपर्क किया गया लेकिन उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताता रहा।