डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
ग्वालियर की एसआई श्रीमती गीता भदौरिया की तर्ज पर शायद उज्जैन के एसआई मुनेंद्र गौतम (नानाखेड़ा थाना) को एसपी के दंड लाइन अटैच या फिर सस्पेंड का इंतजार है। महिला से दुष्कर्म के मामले में ग्वालियर की एसआई ने तो महज 15 दिन तक कार्यवाही लटका रखा थी। वहीं उज्जैन के इन एसआई गौतम ने ऐसे ही दुष्कर्म के प्रकरण में 3 माह से एफआईआर अटका रखी है।
वहां भी एसपी को ये प्रकरण मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया। शायद यहां भी उज्जैन एसपी मनोज सिंह को ये प्रकरण मीडिया के जरिए ही जानकारी में आए। वहां इस लापरवाही पर ग्वालियर एसपी नवनीत भसीन ने एसआई भदौरिया को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया। अब यहां उज्जैन में देखना है कि इस घोर लापरवाही पर एसपी सिंह अपने इन एसआई गौतम के विरुद्ध लाइन अटैच या सस्पेंड का निर्णय लेते हैं या फिर अभयदान देते हैं। फिलहाल ये निर्णय एसपी सिंह के पास ही सुरक्षित है।
ग्वालियर व उज्जैन के प्रकरण में ऐसे समझे समानता
ग्वालियर- एसपी नवनीत भसीन ने सोमवार को महिला थाना प्रभारी एसआई श्रीमती गीता भदौरिया को लाइन अटैच कर दिया। एसआई भदौरिया पर आरोप थे कि उन्होंने एक महिला द्वारा की गई दुष्कर्म की शिकायत में 15 दिनों तक कोई कार्यवाही नहीं की। मीडिया के जरिए एसपी भसीन को पीड़ित महिला द्वारा दुष्कर्म की शिकायत का संज्ञान हुआ। जिस पर पीड़ित महिला की रिपोर्ट पर एसएएफ के आरोपी कांस्टेबल मनीष कुशवाह के खिलाफ थाना बहोड़ापुर में धारा 376 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद एसपी भसीन ने इस मामले में काम के प्रति लापरवाही व उदासीनता बरतने पर एसआई भदौरिया को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया।
उज्जैन- मुनिनगर निवासी सुनीता (परिवर्तित नाम) ने 11 फरवरी को उज्जैन आईजी कार्यालय व प्रदेश महिला आयोग अध्यक्ष से अपने साथ हुए दुष्कर्म व जालसाजी की लिखित शिकायत की थी। आईजी कार्यालय द्वारा लिखित शिकायत की जांच नानाखेड़ा थाना पहुंची थी। जहां एसआई मुनेंद्र गौतम (पीड़ित महिला द्वारा बताए अनुसार) द्वारा 18 फरवरी को पीड़ित महिला के बयान दर्ज किए गए। पीड़ित महिला ने अपनी लिखित शिकायत व अपने पुलिस बयान दोनों में ही आरोपी के तौर पर ठेकेदार साजिद एहमद पिता सुल्तान एहमद निवासी बिलोटीपुरा का नाम बताया है। लिखित शिकायत व अपने पुलिस दर्ज बयान में पीड़ित महिला ने स्पष्ट किया है कि आरोपी साजिद एहमद द्वारा 2010 में पहली मर्तबा घर में घुसकर जोर जबर्दस्ती से खोटा काम किया और इसके बाद शादी का झांसा देकर 9 वर्षों में कई बार दुष्कर्म को अंजाम दिया। आरोपी के इस पाप से उसे 7 साल की बच्ची भी है। पीड़ित महिला द्वारा अपनी इस शिकायत में आरोपी के तौर पर विजय अग्रवाल के नाम का भी जिक्र है। जिस पर पीड़ित महिला ने आरोप लगाए है कि उसने आरोपी साजिद एहमद के साथ मिलकर लोन दिलाने के नाम पर उसकी सोने-चांदी की रकम व मकान गिरवी रखकर नकद राशि भी हड़प ली। बहरहाल इस प्रकरण में महिला की लिखित शिकायत व दर्ज पुलिस बयान के 3 माह बाद भी आरोपियों के खिलाफ एसआई गौतम द्वारा अब तक न ही एफआईआर दर्ज की गई और न ही कोई ठोस कदम उठाया गया।
तीन माह से पीड़ित महिला को ऐसे टरका रहे हैं एसआई गौतम
- आप के बयान दर्ज कर लिए हैं। अब देखना कि मैं कैसे घसीटते हुए आरोपियों को थाने लाता हूं। तीन-चार दिन बाद आप थाने आकर अपनी एफआईआर ले जाना।
- अभी थोड़ा सब्र करें, देश में वैसे भी कोरोना का संकट छाया है। आपको एफआईआर की पड़ी है।
- लॉकडाउन समाप्त हो जाने दो। इसके बाद बिना कहे ही आपकी एफआईआर दर्ज कर लूंगा।
- आपका प्रकरण दुष्कर्म का नहीं बल्कि लेन-देन का है। अब इसमें कैसे एफआईआर दर्ज हो सकती हैं। अधिकारियों से पूछ फिर कोई रास्ता निकालता हूं।
- ऐसा करें एक नया आवेदन मेरे बताए हुए वकील से बनवाकर ले आए। मैं जैसा बताऊँ, वैसा ही आवेदन में लिखवाएं। उस आधार पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर लूंगा।
(नोट-जैसा कि पीड़ित महिला ने डेरिंग ऑफ न्यूज़ को बताया। गौरतलब है कि नियम अनुसार पीड़ित महिला के बयान किसी महिला अधिकारी को ही दर्ज करना चाहिए। यहां पीड़ित महिला का कहना है कि उसके बयान एसआई गौतम ने दर्ज किए जबकि एसआई गौतम का कहना है कि उन्होंने बयान दर्ज नहीं किए बल्कि सुने हैं)
इनका कहना
संभवतः दो-तीन दिन में एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी।
- मुनेंद्र गौतम, एसआई नानाखेड़ा