डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
टीम में यदि कैप्टन भरोसे का मिल जाए तो खिलाड़ी खुलकर मैदान में खेलते हैं। अभी हाल ही में उज्जैन पुलिस के कप्तान मनोज सिंह ने आधा दर्जन से अधिक थानों के कैप्टन बदले हैं। ऐसे में टीआई सतनाम सिंह की बतौर नानाखेड़ा थाना कैप्टन वापसी हुई है। उनकी वापसी के साथ ही थाने पर मौजूद उनके कुछ खिलाड़ियों ने 'रिश्वतखोरी' की धुंआधार बेटिंग की शुरूआत कर दी है।
ताजा रिश्वतखोरी की डिमांड हत्या के प्रकरण से जुड़ी हुई है। मतानाखुर्द में विक्रम परमार की हत्या के मामले में नानाखेड़ा पुलिस ने उसके पुत्र जितेंद्र परमार को गिरफ्तार किया है। इस अनसुलझी हत्या का पुलिस ने मंगलवार दोपहर कंट्रोलरूम पर प्रेस से विधिवत खुलासा किया था। यहां अधिकारियों ने स्पष्ट बताया था कि विक्रम परमार की हत्या उसके पुत्र जितेंद्र परमार ने की थी। इसी हत्या के खुलासे के संबंध में नानाखेड़ा पुलिस ने पूछताछ के लिए आरोपी की पत्नी और उसके नौकर गोलू पिता अंबाराम निवासी रामवासा को भी हिरासत में लिया था। हत्या के खुलासे को 24 घंटे से अधिक हो गए हैं लेकिन इस गोलू को थाने की लॉकअप में बैठे 72 घंटे से अधिक हो गए हैं। अब इसे ही थाने से छोड़ने के नाम पर कुछ खिलाड़ी 'स्वतंत्र' होकर रिश्वतखोरी की धुंआधार बेटिंग में जुट गए हैं। रिश्वत की एक लाख डिमांड के चलते इन्होंने मंगलवार रात लॉकअप से बाहर निकालकर गोलू के साथ मारपीट भी की। सूत्र बताते है कि गोलू को थाने से छोड़ने के बदले रिश्वत की डिमांड एक लाख रुपए से शुरू हुई थी, जो अब 20 हजार रुपए पर आकर ठहर गई है।
इधर विवाहिता की इज्ज़त तार-तार के ठेकेदार को खुला छोड़ने में भी आ रही है रिश्वतखोरी की 'बू'
नानाखेड़ा थाने पर पदस्थ कुछ खिलाड़ी रिश्वतखोरी के गेम में लोमड़ी की तरह बहुत ही चालाक माने जाते हैं। कभी-कभी चालाकी में ये लोमड़ी को भी मात दे देते हैं। इनकी चालाकी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन्होंने कोरोना संकटकाल की बाउंड्रीबॉल बनाकर भी जमकर चौके-छक्के जड़ दिए। यदि आप मुनिनगर निवासी विवाहिता की फरियाद के बारे में जानने के लिए नानाखेड़ा थाने जाएंगे तो उसके प्रकरण में एक अलग ही प्रकार की रिश्वतखोरी की बू आपको बाहर से ही महसूस होने लगेगी। इससे आपको स्पष्ट हो जाएगा कि विवाहिता के पुलिस बयान दर्ज होने के बाद उसकी इज्जत को तार-तार करने वाला आरोपी ठेकेदार साजिद एहमद पिता सुल्तान एहमद निवासी बिलोटीपुरा क्यों तीन माह से खुली हवा में विचरण कर रहा है।
इनका कहना
मेरे रहते हुए कोई कैसे रिश्वत मांग सकता है। अभी दिखवाता हूं कि थाने पर किसने रिश्वत मांगी।
-सतनाम सिंह, टीआई नानाखेड़ा