आर्मी के नाम का इस्तेमाल और हरकते इनकी महिलाओं के दुपट्टे पहन शिखंडी जैसी, उज्जैन एसपी कार्यालय के इस नंबर पर देश के ये 100 से अधिक खुराफाती 1000 बार उगल चुके हैं अपनी नीली विष बोली

डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।


धर्म और अधर्म के युद्ध में दोनों ओर से लड़ते योद्धा ही हैं लेकिन विजय उसकी ही होती है, जो सत्य की राह पर चलता है। ऐसे ही महाभारत के युद्ध में कौरवों की तरफ से लड़ाई में एक पात्र था शिखंडी, जो न मर्द था और न ही औरत। ऐसे ही अब आधुनिक भारत में कुछ खुराफाती लोग असली आर्मी के नाम का इस्तेमाल कर महिलाओं के दुपट्टे गले में डाल शिखंडी जैसी हरकतों पर उतर आए हैं।


गत दो-तीन दिनों में देश के 100 से अधिक इन खुराफातियों ने उज्जैन एसपी कार्यालय के 2527130 नंबर पर करीब एक हजार बार अपनी नीली विष बोली उगल चुके हैं। परेशान होकर अब उज्जैन पुलिस महकमे ने इन नीली विषधारी बोली के हमलावरों की पहचान करना शुरू कर दी है। सूत्र बताते है कि इनके गिरफ्त में आते ही पुलिस संडासी या चिमटे से दबा-दबाकर इनकी जुबान से नीला विष निकालेगी और फिर उन्हें समाज में रहने लायक बनाएगी।


 


नीली विष बोली हमले की ऐसे हुई शुरुआत, एसपी सिंह के मोबाइल नंबर पर भी उगलने से नहीं घबराए


देश की असली आर्मी बार्डर पर दुश्मनों पर गोली बरसाती है लेकिन ये उसी देशभक्त आर्मी के नाम का इस्तेमाल कर देश के भीतर अपनों पर नीली विष बोली से हमला करती है। इस खुराफाती टोली का ड्रेसकोड महिलाओं का दुपट्टा है। जिस पर महिलाओं की तरह ये गले में दुपट्टा डाल ये नीली विष बोली उगलते हैं। उज्जैन में इन्होंने अपनी नीली विष बोली उगलने की शुरूआत तब की, जब किसी अखबार ने बिना तथ्य और बिना वर्जन के एक खबर प्रकाशित की। खबर का सार ये था कि एसपी मनोज सिंह ने निर्देश जारी किए हैं कि पुलिसिया आपसी अनुशासन में कोई भी पुलिसकर्मी जय हिंद के अलावा कोई अन्य संबोधन का इस्तेमाल न करे अन्यथा सख्त कार्यवाही की जाएगी। अव्वल तो इसके भी पुख्ता प्रमाण नहीं है कि एसपी सिंह ने ये निर्देश दिए या फिर नहीं दिए। बावजूद इस अपुष्ट खबर को ही आधार बनाकर इन खुराफातियों ने अपनी नीली विष बोली से उज्जैन पुलिस पर हमले की शुरूआत कर दी। कुछ खुराफातियों के तो हौसले इतने बुलंद रहे कि वे अपनी नीली विष बोली एसपी सिंह के मोबाइल नंबर पर भी उगलने से नहीं घबराए। कुछ तो इतनी जल्दबाजी में थे कि खबर या अफवाह की पुष्टि करे बगैर ही महिलाओं जैसे दुपट्टे गले में डाल सोशल मीडिया पर बैठ गए और फिर वहीं से नीली विष बोली हमला करने लगे। कुछ खुराफाती ऐसे भी रहे जो लॉकडाउन तोड़ कर ज्ञापन देने पहुंच गए। सूत्र बताते है कि भीतर ही भीतर पुलिस अब इन खुराफातियों के रिकार्ड खोजने में जुट गई है और जैसे ही उनके पास अनुकूल समय आएगा। वे इन सभी खुराफातियों के खिलाफ ठोस करवाई कर सबक सिखाएगी।


 


नीली विष बोली हमले की असली जड़ चिमनगंज थाने पर, एक अधिकारी और उसके चट्टे-बट्टे वायरलैस सेट पर रोजाना करते हैं नीले जहर का छिड़काव


पुलिस महकमे में नीली विष बोली हमले की असली जड़ चिमनगंज थाने पर है। इसके पेड़ को पनपाने के लिए यहां पदस्थ एक अधिकारी और उनके चट्टे-बट्टे रोजाना वायरलैस सेट से नीले जहर का छिड़काव करते हैं। पुलिस प्रोटोकॉल या पुलिस रेगुलेशन एक्ट कहता है कि पुलिस महकमे में जय हिंद या जय भारत के अलावा अन्य किसी शब्द का उच्चारण वर्जित है। बावजूद उक्त अधिकारी और उनके चट्टे-बट्टे जानबूझकर वायरलैस सेट से नीली विषधारी जुबान का प्रदर्शन करते हैं। सूत्र तो ये भी बताते है कि एसपी सिंह पर नीली विष बोली हमले की साजिश चिमनगंज थाने पर ही रची गई। यहां पदस्थ उक्त अधिकारी इसके पहले देवासगेट थाने पर पदस्थ थे, तब जाते ही इन्होंने अपने चेम्बर से महाकाल भगवान की तस्वीर हटा दी थी। ये बवाल न बन जाए इसलिए जानकारी लगते ही तब एसपी रहे सचिन अतुलकर ने हस्तक्षेप कर वापस तस्वीर लगाने के निर्देश दिए थे। जिस पर भी उक्त अधिकारी ने वह तस्वीर अपने चेम्बर में न लगाते हुए बाहर लगवा दी थी। इस घटनाक्रम को लेकर तब भी पुलिसकर्मियों के बीच तनातनी उपजी थी।


 


तब भाजपा विधायक ने राम-राम संबोधन पर विधानसभा में उठाया था प्रश्न


पुलिस रेगुलेशन एक्ट में पुलिसिया आपसी व्यवहार में आपस में जय हिंद बोलने का अधिकार है। इसी नियम का हवाला देकर इसके पहले भाजपा सरकार के दौरान तराना से भाजपा के एक विधायक ने पुलिस के बीच राम-राम संबोधन को लेकर विधानसभा में प्रश्न लगाया था कि पुलिस रेगुलेशन एक्ट में जय हिंद शब्द बोले जाने की मान्यता है। बावजूद पुलिस जय हिंद न अपना कर आपस में राम-राम संबोधन करती है, जो कि एक्ट का सीधे तौर पर उलंघन है। तब इसे लेकर कई सवाल खड़े हुए थे। वहीं पुलिस महकमे को आदेश जारी हुए थे कि वे आपसी पुलिसिया व्यवहार में जय हिंद का इस्तेमाल कर भाई चारे का परिचय रखे।


 


एसपी का मोबाइल बंद और बात करते से ही आईजी का मोबाइल कट हो गया


ताजा घटनाक्रम पर अधिक जानकारी के लिए एसपी मनोज सिंह के दोनों मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया लेकिन उनके दोनों ही नंबर लंबे समय तक बंद आते रहे। इसीप्रकार आईजी राकेश गुप्ता के मोबाइल पर संपर्क किया गया। कॉल रिसीव करते ही वे बोले राजीव नीमच के रास्ते में हूं। इसके तुरंत बाद ही कॉल कट गया और लंबे समय तक उनका मोबाइल आउट ऑफ कवरेज एरिया बताता रहा।


Popular posts
इन पुलिस ऑफिसर को महाकाल ने हमेशा दंड देकर ही हटाया, सीएम शिवराज के चंगुल में दूसरी बार उलझे
Image
शायद देश का इकलौता विभाग, जहां गलती किसी की भी लेकिन हर हाल में सस्पेंड होगा कर्मचारी ही, अब एसपी बंगले पर काम से इंकार करने पर 2 कांस्टेबल निलंबित
Image
भैरवगढ़ सेंट्रल जेल में क्या है 'खेल', क्या इन अधिकारी के आंवले तोड़ने के फेर में चली गई इस कैदी की जान ?
Image
ये है आरोपी उपयंत्री की थाने में 'भीगी बिल्ली' के जैसी बैठी पहली तस्वीर, सुना है कि सही जानकारी नहीं देने से नाराज पुलिस ने लॉकअप में 'मुर्गा' बनाकर रखा इसलिए उभरी इसप्रकार की ढीली फोटो
Image
एसपी बोले, इस तारीख तक बदल देंगे सारे थानों के 'मठाधीश', एक क्लिक में पढ़े एसपी का परिचय
Image