डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
कोरोना वैश्विक संकट के बीच गुरुवार रात राज्य सरकार ने उज्जैन एसपी सचिनकुमार अतुलकर का भोपाल तबादला कर दिया। अब उनके स्थान पर आगर-मालवा एसपी मनोजकुमार सिंह को उज्जैन भेजा गया है। ये वही एसपी हैं, जो 2006 में उज्जैन में घटित देश के सबसे चर्चित प्रोफेसर हरभजन सिंह सभरवाल हत्याकांड के दौरान माधवनगर सीएसपी थे। तब इस हत्याकांड के सिलसिले में इन्हें सस्पेंड भी किया गया था।
प्रोफेसर सभरवाल हत्याकांड को याद करने की अभी कोई वजह नहीं है लेकिन सिंह के उज्जैन एसपी के आदेश के बाद ही ये हत्याकांड स्वतः ही चर्चाओं में आ गया इसलिए 2020 में बतौर उज्जैन एसपी इनकी आमद होने से पहले 14 साल पीछे लौटना जरूरी है। इस दौरान कई किरदार ऐसे बदल गए हैं, जो कभी पानी पी-पी कर भाजपा को कोसते थे, वे आज उनकी गोद में ही बैठकर कुरकुरे खा रहे हैं। तो आइए चलते हैं 14 साल पीछे यानी 2006 प्रोफेसर सभरवाल हत्याकांड युग में और जानते है कि तब से अब तक क्या बदला और क्या नहीं बदला ?
पहले प्रोफेसर सभरवाल हत्याकांड पर एक नजर
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन तब शर्मसार हो गई थी, जब 26 अगस्त 2006 दिनदहाड़े राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. हरभजन सिंह सभरवाल की माधव कॉलेज में ही हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद सीआईडी की रिपोर्ट पर देवासगेट पुलिस ने प्यून कोमलसिंह सेंगर की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमें दर्ज किए थे। आगे की जांच में इस हत्याकांड में सभी आरोपी नामजद किए गए थे।
तब कांग्रेसियों ने सीएसपी सिंह को बताया था मुख्य आरोपी, हुए थे सस्पेंड
प्रोफेसर सभरवाल हत्याकांड के ही दिन शहर कांग्रेस के बैनर तले कांग्रेसियों ने एक ज्ञापन तत्कालीन एसपी जयदीप प्रसाद के नाम एएसपी डॉ. रमणसिंह सिकरवार को सौंपा था। इस ज्ञापन में कांग्रेसियों ने आरोप लगाए थे कि पुलिस द्वारा उनकी निर्ममता पूर्वक पिटाई में मुख्य रूप से माधवनगर सीएसपी मनोजसिंह का हाथ है। ज्ञापन में ये भी जिक्र था कि सीएसपी मनोज सिंह ने ही एवीबीपी नेताओं को संरक्षण दे कॉलेज में प्रवेश करवाया था। तब कांग्रेसियों ने ये भी आरोप लगाए थे कि जब छात्र प्रोफेसर सभरवाल की पिटाई कर रहे थे, तब सीएसपी सिंह मूकदर्शक बन खड़े देख रहे थे। ज्ञापन में कांग्रेसियों ने मुख्यरूप से सीएसपी सिंह को ही मुख्य आरोपी बता उनके निलंबन की मांग की थी। इसके बाद ही इस हत्याकांड में उन्हें सस्पेंड कर उनके खिलाफ जांच बैठाई गई थी।
बदल चुके किरदार, अब ये सभी सच्चे भाजपाई
प्रोफेसर सभरवाल हत्याकांड के दौरान प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान थे। विधानसभा 2018 के डेढ़ साल बाद बदले सियासी गणित में अब फिर प्रदेश में भाजपा सरकार है और मुख्यमंत्री वहीं पुराने शिवराजसिंह चौहान ही हैं लेकिन तब इस हत्याकांड के मुखर किरदार बदल कर अब खुद सच्चे भाजपाई बन चुके हैं। प्रोफेसर सभरवाल के पोस्टमार्टम के दौरान जिला अस्पताल में कांग्रेस से आलोट विधायक प्रेमचंद गुडडू व सांवेर से कांग्रेस पूर्व विधायक तुलसी सिलावट भी पहुंचे थे। यहां इन्होंने भाजपा सरकार को पानी पी-पी कर कौसा था पर बदलते हालात में आज ये दोनों दिग्गज कांग्रेस नेता रहे अब सच्चे भाजपा नेता हैं। इनमें सिलावट तो अब भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं। वहीं इस हत्याकांड को लेकर 5 सितंबर 2006 (शिक्षक दिवस) को गुना कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गोपाल मंदिर के समीप धिक्कार सभा आयोजित की थी। इस धिक्कार सभा में उन्होंने कहा था कि- जब मैं उज्जैन आता हूं, तो मन में खुशी होती है क्योंकि उज्जैन से सिंधिया परिवार को प्रेरणा मिलती आ रही है लेकिन आज यहां आकर मन में पीड़ा हो रही है। यह श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली है लेकिन शिक्षक की हत्या के बाद यह शर्मसार हो गयी। जिन छात्रों ने गुरु पर हाथ उठाया, समझो उन्होंने अपने माता-पिता पर हाथ उठाया है। अब ये ही दिग्गज कांग्रेस नेता रहे सिंधिया अब सच्चे भाजपा नेता बन गए हैं। ये अब उन छात्रों के भी नेता बन गए हैं, जिन्हें इन्होंने धिक्कार सभा में पाठ पढ़ाया था। और भी कई किरदार बदले हैं लेकिन उनके नामों का यहां ज़िक्र कर बेवजह उनकी हाइट बढ़ाना ही साबित होगा।
दबंग अफसर की छवि है, कांग्रेसियों की भी थे पहली पसंद
प्रोफेसर सभरवाल हत्याकांड में सस्पेंड के दाग को छोड़कर आईपीएस मनोजकुमार सिंह की छवि दबंग अफसर के तौर पर है। ऐसा नहीं है कि वे भाजपा शासन काल में उज्जैन एसपी बन लौट रहे हैं। इसके पहले कमलनाथ सरकार में भी वे कुछ कांग्रेसियों की पहली पसंद थे। उनके उज्जैन एसपी बनाए जाने की लॉबिंग भी उक्त कांग्रेसियों द्वारा की गई थी लेकिन प्रभारी मंत्री तक सही पहुंच नहीं होने के कारण बात नहीं बन सकी थी। इसके बाद सिंह को आगर-मालवा का दोबारा से एसपी बना दिया गया और अब वे उज्जैन एसपी बनाए गए हैं। इस कारण उक्त कांग्रेसियों में भी उत्साह का माहौल है।