डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
डेरिंग ऑफ न्यूज़ अखबार व न्यूज़ पोर्टल ने आमजनता की मदद व जरूरतमंदों के दर्द को सही कानों तक पहुचाने के लिए जन्म लिया है। इसे आप प्यार से इसके शार्ट नाम डॉन से भी पुकार सकते हैं। चूंकि जन्म के साथ ही इसका ध्येय शुद्ध वातावरण में ईमानदारी व डेरिंग से सही खबरें परोसना रहा है इसलिए इस कमीनी दुनिया में इसके पास संसाधन न के बराबर है। यहां कमीनी दुनिया शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है कि इस चाटुकार व आधुनिक दौर में दो ही प्रकार के लोगों के पास अकूत दौलत है, जो बायनेचर कमीन हैं या फिर जिनके पास शहरों में अथा जमीन है। इन्हीं सब बातों के दृष्टिगत व संसाधनों की कमी के मद्देनजर खबर की हेडिंग दी गई है कि- 'इसे इतना शेयर करें कि ये खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्सनल नंबर के मोबाइल पर पहुंच जाए', जिस पर खबर पढ़ते ही वे ऐसा आदेश जारी करें कि हमारे देश के करीब एक हजार सैनिक अपने-अपने घर भेजे जा सके।
ये सभी सैनिक 31 मार्च 2020 को आर्मी से रिटायर्ड हो चुके हैं। लॉकडाउन होने के कारण ये सभी अपने-अपने कैम्पस में फंसे हुए है। सभी फिट हैं लेकिन आवागमन के साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण करीब एक माह से ये अपने परिवार से मिलने के लिए तरस रहे हैं। मध्यप्रदेश से ही करीब 130 सैनिक ऐसे हैं, जो 31 मार्च को रिटायर्ड होने के बाद से बैंगलोर स्थित आर्मी सप्लाई कोर (एसीएस) में फंसे हुए हैं। इनमें करीब 6 रिटायर्ड सैनिक उज्जैन जिले के शामिल हैं। अपने-अपने घरों पर लौटने के लिए ये कई बार मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 181 पर भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक इनकी फरियाद किसी के द्वारा नहीं सुनी जा सकी। कुछ सैनिकों का कहना है कि जब मध्यप्रदेश सरकार कोटा से विद्यार्थियों को लाने के इंतजाम कर सकती है तो क्या फिर हमें लाने की व्यवस्था नहीं की जा सकती। प्रस्तुत है डेरिंग ऑफ न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट....
बैंगलोर में फंसे मध्यप्रदेश के इन जिलों के ये रिटायर्ड सैनिक
उज्जैन
सैनिक चेस्ट नंबर
जितेंद्र पुष्पद 87
मुकेश कुमार 148
सुरेंद्र सिंह 355
सुरेश केसवानी 356
भरत पाटीदार 319
सुरेश मालवीय 357
शाजापुर
तिवारी विजय 195
महेश कुमार 106
देवास
शेर सिंह 309
नीमच
राजू 197
इंदौर
अमित मिश्रा 138
एचके सूर्यवंशी 82
मनोज पटेल 113
संजय पटेल 104
सीएस सिसोदिया 270
विजय 216
विजय वाघ 218
संदीप राजनोद 352
बालचंद्र राठौर 358
रतनलाल 360
राधेश्याम 507
सुरेश चौधरी 41
भोपाल
दिनेश डी 137
अरबी मिश्रा 84
एसके वर्मा 105
यशवंत लोधी 89
ग्वालियर
बलवीर सिंह
अरविंद तिवारी
ब्रजबिहारी
ऋषिकेश शर्मा
राजेश शर्मा
अरुण श्रीवास्तव
राहुल कुमार
अवनीश कुमार
प्रशांत यादव
एके शर्मा
श्रीकांत ओझा
रामनरेश
बालीनाथ
हरिशंकर
सूरज श्रीवास
एसके शर्मा
सुनील बाबू
अनुज कुमार
लोकेंद्र शर्मा
सीहोर
एसके आर्य 409
मनमोहन 120
अशोक 121
कमल मेवाड़ा 122
एलएस सिसोदिया 92
यशवंत ठाकुर 97
राजगढ़
रामबाब दांगी 88
पप्पू शर्मा 95
संजय दांगी 107
खंडवा
रामलाल बर्डे 98
बैतूल
मनोज 55
संजू यादव 99
नागराव पंवार 119
रामकिशोर एस
छिंदवाड़ा
आरएन फरकरे 93
शिवकुमार 94
दीपेश कुमार 101
खरगौन
राल सिंह 171
गणेश 103
झाबुआ
एसएसएस भदौरिया 196
बड़वानी
बिरमल सिंह 163
अनिल बाघ 80
इमरान खान 209
अनिल वस्की 273
कैलाश काग 268
कमलेश कर्मा
जितेंद्र राठौर 77
विजय चौधरी 133
के राठौर 100
ये भी मध्यप्रदेश के लेकिन इनके जिले की जानकारी नहीं मिल सकी
अनिल वास्कले 273
विजय फरटोरे 216
पंकज उजापारी 272
सीएस मसोदिया 270
अन्य प्रान्त व शहरों में इससे भी ज्यादा फंसे हैं रिटायर्ड सैनिक
ये तो सिर्फ कर्नाटक प्रान्त के सिर्फ बेंगलुरु शहर में फंसे रिटायर्ड सैनिकों के नाम व आंकड़े हैं। इनमें भी करीब 30 से अधिक रिटायर्ड सैनिकों के नाम या चेस्ट नंबर नहीं मिल सके। इसके अतिरिक्त देश में कई प्रान्त व शहर ऐसे हैं, जहाँ 31 मार्च रिटायरमेंट के बाद से ही सैनिक फंसे हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार इन रिटायर्ड सैनिकों की संख्या करीब एक हजार है, जो लॉकडाउन में फंसे हुए हैं और फिट होने के बाद भी अपने परिवार से मिलने के लिए तरस रहे हैं।