डॉन रिपोर्टर, टीम।
सदियों से चला आ रहा है कि समय बहुत बलवान होता है। आज इंदौर कलेक्टर के तौर पर आईएएस मनीष सिंह ने ज्वाइन किया तो समय की सुई करीब डेढ़ साल पीछे चली गई। तब आईएएस मनीष सिंह उज्जैन कलेक्टर थे। उन्हें उज्जैन कलेक्टर बने हुए तीन-चार माह भी नहीं गुजरे थे कि दिसंबर 2018 में प्रदेश सरकार बदल गई। सरकार बदलते ही वे नेता भी मंत्री बन गए, जिनका कभी इंदौर नगर निगम कमिश्नर रहते हुए सिंह ने सरकारी जमीन पर उनका तीन-चार हजार स्क्वेयर फिट का कब्जा हटाया था। मंत्री बनने के बाद इन नेता को उज्जैन कलेक्टर के रूप में आईएएस मनीष सिंह खटक रहे थे। मंत्री पद होने पर भी वे सीधे तौर पर सिंह को हटा नहीं सकते थे। फिर क्या था अपने स्वास्थ्य को दरकिनार कर उन्होंने पर्व स्नान में कुछ लालची अधिकारियों को साथ लेकर सिंह पर लापरवाही के आरोप मढ़े और छल विद्या से उनका तबादला भोपाल करवा दिया लेकिन डेढ़ साल बाद फिर समय ने करवट बदली और आज आईएएस सिंह उसी मंत्री के जिले में कलेक्टर बन पहुंचे हैं लेकिन उक्त नेता आज न मंत्री हैं और न ही अभी उनकी विधायकी बची है। ऊपर से कांग्रेसियों ने उनके माथे पर गद्दार का काला टीका अलग से मढ़ दिया है। इंदौर कलेक्टर के तौर पर ज्वाइनिंग के संबंध में अधिक जानकारी के लिए डेरिंग ऑफ न्यूज़ ने आईएएस मनीष सिंह से मोबाइल पर संपर्क किया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
इसे ही कहते हैं समय, जिस मंत्री ने छल विद्या से हटवाया, अब वे ही आईएएस बने उनके जिले के कलेक्टर