शुद्ध के युद्ध के बीच उज्जैन पुलिस का 'दिखावटी एनकाउंटर', दोनों तरफ से चली 35 राउंड गोलियां, बदमाशों को लगी 5 लेकिन 30 हवा में खो गई या फिर कोहरे में सिमट बादलों में समा गई, एफएसएल कर रही जांच

डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ शुद्ध के लिए युद्ध जारी है। इसी युद्ध के बीच उज्जैन पुलिस द्वारा शनिवार देर रात घने अंधेरे व कोहरे के बीच तीन बदमाशों का दिखावटी एनकाउंटर किया गया। बेशक ये तीनों बदमाश हैं और प्राणघातक हमले व शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में फरार थे। पकड़ा-धकड़ी में पुलिस और इनके बीच उठा-पटक, भागा-दौड़ी व गुत्थम-गुत्था से कतई इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन घटनास्थल पर जाकर देखेंगे तो दिखावटी एनकाउंटर की तस्वीर स्पष्ट नजर आएगी।
शुद्ध के युद्ध के बीच दिखावटी एनकाउंटर की कहानी क्यों तैयार की गई। इसकी सही वजह तो उज्जैन पुलिस ही बता सकती है लेकिन पुलिस के दावे को ही सही मानते है तो बदमाश और पुलिस के बीच दोनों तरफ से कुल 35 राउंड फायर किए गए। इनमें पांच गोलियां लगने से तीनों बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि 30 गोलियां हवा में खो गई या फिर घने अंधेरे व कोहरे में बादल में समा गई। इसकी जांच एफएसएल द्वारा की जा रही है। फिलहाल इन तीनों बदमाशों के खिलाफ महाकाल थाने में पुलिस पर प्राणघातक हमले का एक और प्रकरण दर्ज किया जा रहा है।
पुलिस के दावे के अनुसार एनकाउंटर में ये तीन बदमाश गंभीर घायल होकर इंदौर रैफर
उज्जैन पुलिस के दावे अनुसार ये शुद्ध रूप से जान जोखिम में लेकर बदमाशों का एनकाउंटर है।  जिस पर शनिवार देर रात करीब डेढ़ बजे धरमबड़ला व चिंतामन बायपास रास्ते के बीच घने अंधेरे व कोहरे के बीच हुए एनकाउंटर को लेकर रविवार शाम करीब 4 बजे पुलिस कंट्रोल रूम पर एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई। यहां एसपी सचिन अतुलकर ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस एनकाउंटर में नीलगंगा थाने के फरार आरोपी करण उर्फ कालू पिता गोपाल सूर्यवंशी निवासी मॉडल स्कूल के पीछे, नीतेश उर्फ काऊ पिता खुशीलाल निवासी मॉडल स्कूल के पीछे व सोहन पिता लक्ष्मीनारायण पटेल निवासी न्यू इंदिरानगर गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इन तीनों बदमाशों ने पुलिस को देखते ही करीब 15 फायर किए। जवाब में पुलिस ने भी करीब 20 राउंड फायर किए। जिस पर 2 बदमाश 2-2 व एक बदमाश एक गोली लगने से गंभीर घायल हो गया। इन्हें घायल अवस्था में देर रात जिला अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने इनकी हालात को गंभीर देखते हुए इंदौर रैफर कर दिया। ये तीनों बदमाश एक जनवरी की रात नीलगंगा थाने में अलग-अलग प्राणघातक हमले, शासकीय कार्य में बाधा डालने, डायल 100 में तोड़फोड़ सहित कुल 4 प्रकरणों में फरार थे। इन पर कुल 60 हजार रुपए का इनाम था।


शुद्ध के युद्ध के बीच इसलिए 'दिखावटी एनकाउंटर'
■ शुद्ध के युद्ध के बीच दिखावटी एनकाउंटर इसलिए की घने अंधेरे व कोहरे में दोनों तरफ से चली 35 गोलियों में से सिर्फ पांच गोलियां तीन बदमाशों को तो लगी लेकिन चारों तरफ से घेराबंदी के बाद भी किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया।
■ चली 35 गोलियों में से न एक कार में लगी और न ही झोपड़ी को छुई।
■ सड़क किनारे महज 20 फिट के दायरे में जब दो बदमाश झोपड़ी में सो रहे थे तो एक बदमाश कार में सोकर क्या पुलिस का इंतजार कर रहा था।
■ जब दोनों तरफ से 35 गोलियां चली तो रविवार दोपहर तक पुलिस ने एक भी खाली खोखा बरामद क्यों नहीं किया।
■ यदि 50 के झुंड अधिकारी-कर्मचारियों ने तीनों बदमाशों को घेराबंदी कर घेर लिया था तो फिर अंधेरे व कोहरे के बीच चली गोलियों में सिर्फ बदमाश ही क्यों घायल हुए।
■ मुखबिर की सूचना पुख्ता थी तो इंदौर रोड से घटनास्थल तक लगे अधिकारी व पुलिस बल के साथ बदमाश कार में तीन देशी पिस्टल, एक चाकू, तीन तलवार, एक गुप्ती व चार जिन्दा कारतूस लेकर घटनास्थल तक कैसे पहुंच गए।
■ यदि वे पुलिस को चकमा देकर  घटनास्थल तक पहुंच भी गए तो जाते ही दो बदमाश झोपड़ी में और एक बदमाश इतनी जल्दी कार के भीतर कैसे सो गया।
■ झोपड़ी के चारों ओर पुलिस के 50 से अधिक अधिकारी व कर्मचारियों ने घेराबंदी कर बदमाशों को घेर लिया था तो फिर भगदड़ में आसपास की खड़ी गेंहू की फसल चौपट क्यों नहीं हुई।
■ जिस खेत में झोपड़ी बनी हुई है वह खेत आनंद सिंह पिता चंदर सिंह निवासी मंगरोला का है। फिर पुलिस ने ये क्यों नहीं पता किया किया किया कि-क्या बदमाश खेतमालिक के दोस्त है या फिर रिश्तेदार यदि खेत मालिक का कोई रिश्ता नहीं तो वह फिर गांव छोड़कर अचानक रिश्तेदारी में दूसरे गांव क्यों चला गया।
■ घटनास्थल को देखते हुए और भी ऐसे कई कारण सामने आते है कि पुलिस ने अन्ततः दिखावटी एनकाउंटर ही किया है। अब ये दिखावटी आंदोलन क्यों और किसलिए किया है। ये सिर्फ पुलिस ही बता सकती है।


इनका कहना
पुलिस एनकाउंटर में फरार तीन बदमाश गंभीर रूप से घायल हुए हैं, उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल से इंदौर रैफर किया गया है। दोनों तरफ से फायरिंग में कुल 35 गोलियां चली हैं। इनमें बदमाशों की ओर से 15 और जवाबी फायरिंग में पुलिस की ओर से 20 गोलियां चलाई गई हैं। पुलिस की गोली लगने से तीनों बदमाश घायल हुए हैं जबकि बदमाशों की ओर से फायरिंग में किसी भी पुलिसकर्मी को गोली नहीं लगी है। हां इतना जरूर है कि पकड़-धकड़ में आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को मामूली चोट आई हैं। इन बदमाशों के खिलाफ पुलिस पर हमले के लिए महाकाल थाने पर भी प्राणघातक हमले का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। मेरी ओर से बदमाशों को कुल तीन फायर किए गए हैं।
- सचिन अतुलकर, एसपी उज्जैन।


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