डॉन रिपोर्टर, टीम।
पर्दे के पीछे घात करने वालों से कुछ वैचारिक सवाल.....
मैं रविवार को राजगढ़ में घटित दुर्भाग्यपूर्ण प्रसंग से जुड़े राजनैतिक झंझावातों में उलझना नहीं चाहता किन्तु पर्दे के पीछे फर्जी हिन्दूवादी संगठनों के नाम को आगे कर अपनी राजनैतिक प्यास बुझा रहे संघ कबीले-भाजपा से कुछ सवाल......
-1 संघ के एजेंडे पर देश के टुकड़े करने के उद्देश्य से लागू CAA, NCR, NPR के समर्थन को लेकर यदि भाजपा-संघ लाभ अर्जित करना चाह रही है तो अपने स्वयं के बैनर से उसे परहेज़ क्यों?
- 2 रविवार को ही बरेली(उप्र) में "भविष्य का भारत-आरएसएस का दृष्टिकोण" विषय पर गोष्टी में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा,संविधान से इतर नहीं चाहते कोई शक्ति केंद्र,तब आज उनकी विचारधारा द्वारा निर्मित की जा रही यह स्थितियां क्या संवैधानिक हैं?
-3 देश-प्रदेश के जिन शहरों/जिलों में उक्त प्रायोजित आग फैलाई जा रही है,यदि वह एक विचारधारा द्वारा आयोजित है,तो उसमें पिछले दरवाजे से संघ/भाजपा नेताओं का प्रवेश क्यों,पार्टी बैनर का उपयोग करने में कौन सा भय है?
- 4 जैसा कि आपने बरेली में कहा कि संघ को कोई एजेंडा नहीं है,हम देश के संविधान को मानते है,तब बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन(चाहे वह कोई भी करे)वह "संविधान की आत्मा का सम्मान है"?
-5 जिस तिरंगे का दुरुपयोग कर आज आपकी विचारधारा के रिमोट से संचालित समूह देश को बारूद के ढेर पर खड़ा कर चुका है,क्या आप यह जवाब देने की स्थिति में हैं कि,स्वतंत्रता संग्राम में इस झंडे की रक्षा के लिए आपके पुरौधाओं की भूमिका क्या थी,यही नहीं देश आज़ाद होने के बाद दशकों तक हमारे सम्मान के प्रतीक इस तिरंगे की जगह "भगवा ध्वज" संघ मुख्यालय में क्यों लहराता रहा? आज "तिरंगे" विरोध प्रदर्शनों में उपयोग कितना जायज है?
-6 राजगढ़ की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान जिन घृणित शब्दों में प्रशासनिक अधिकारियों को ललकार रहे हैं,मंदसौर में अनुमति लेकर अपनी वाज़िब मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले निहत्थे 10 किसानों को पुलिस की गोलियों से भुनवा देने को अपनी किस "शौर्यगाथा" के रूप में लेते हैं?
- 7 महिला सशक्तिकरण,बेटी बचाओ को लेकर करोड़ों के खर्च,कथित प्रचार से सिर्फ अपनी छवि चमकने वाले शिवराज जी,क्या किसी एडीएम बेटी की कमर पर लात मारने,उस बेटी की सरेराह चोंटी खींचने वालों को केंद्र से "भारतरत्न" दिलाने की अनुशंसा करेंगे?,शायद नहीं क्योंकि आपकी कोई बेटी नहीं है?
इंदौर में घटित ऐसे ही दुर्भाग्यपूर्ण प्रसंग पर आप व आपकी विचारधारा अधिकारियों के ख़िलाफ़ हुई कार्यवाही (हालांकि अभी जांच नही हुई है) को अनुचित बता रही है और राजगढ़ में अपमान के साथ अपने कर्तव्य का पालन करने वाले अधिकारियों को अपशब्दों से नवाज़ रही है,यह दोहरा चरित्र क्यों?
आप लोगों की मात्र एक साल में ही सांसे फूल आईं है, हमने भी बिना रोना- रोये 15 सालों तक आपका सामना किया है.....आगे भी करेंगे,माननीय मुख्यमंत्री जी से भी मेरी विन्रम प्रार्थना है कि पर्दे के पीछे रहकर इन दोहरे चरित्र वालों के अनैतिक दबावों में किसी भी कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही न करें अन्यथा उनका मनोबल खंडित होगा।
सादर
के.के.मिश्रा