क्या ये हैं आशिक मिजाज एसपी, एक मर्तबा हो चुके हैं सस्पेंड, अब महिला एसआई द्वारा PHQ में प्रताड़ना की लिखित शिकायत से हैं चर्चाओं में

डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
देश के आईपीएस और उज्जैन संभाग के एक एसपी इन दिनों फिर चर्चाओं में हैं। ऑफ द रिकार्ड इनकी आशिक मिजाजी के चर्चे रोजाना पुलिस महकमे में चलते रहते हैं लेकिन अब एक महिला एसआई द्वारा पुलिस हेडक्वार्टर भोपाल सहित उज्जैन आईजी, डीआईजी व अन्य आला अधिकारियों से की गई प्रताड़ना की लिखित शिकायत के बाद अब रिकार्ड के तौर पर आशिक मिजाजी में इनका नाम सार्वजनिक हुआ है।
ये आईपीएस चंद्रशेखर सोलंकी हैं। जो वर्तमान में उज्जैन संभाग के देवास जिले के एसपी हैं। इनके खिलाफ देवास जिले में ही पदस्थ महिला एसआई द्वारा प्रताड़ना की लिखित शिकायत एडीजी पीएचक्यू, एडीजी शिकायत, विशेष पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम, विशेष पुलिस महानिदेशक महिला अपराध व उज्जैन आईजी राकेश गुप्ता, डीआईजी अनिल शर्मा से की गई है। फिलहाल इस शिकायत की जांच जारी है। सवाल ये है कि ऑफ द रिकार्ड इनकी आशिक मिजाजी के किस्से पुलिस महकमे में जब चलते रहते हैं तो फिर क्या वजह है कि इन्हें देवास जैसे संवेदनशील जिले की कमान सौंपी रखी गई है।


महिला एसआई द्वारा ये है शिकायत का मजमून
■ मैं 2011- 12 की सीधी भर्ती की उपनिरीक्षक (एसआई) होकर देवास जिले में पदस्थ हूं।
■ अप्रैल 2019 में 4 माह की गर्भवती होकर थाने पर कार्यरत थी।
■ 23 अप्रैल 2019 को श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय देवास श्री चंद्रशेखर सोलंकी द्वारा मेरा स्थानांतरण डीपीओ देवास किया गया।
■ इसी दिन मेरे द्वारा फोन पर गर्भावस्था का हवाला देकर मानवीय आधार पर थाने पर यथावत रखने का निवेदन किया गया।
■ परन्तु एसपी महोदय द्वारा मेरे निवेदन को यह कहकर अस्वीकार कर दिया गया कि तुम मेरे कार्यालय में आकर मिलो।
■ 24 अप्रैल 2019 को मैंने थाने के सांहा क्रमांक 024/13.48 बजे डीपीओ देवास के लिए रवानगी दर्ज करवाई।
■ तबीयत खराब होने पर तीन दिवस पश्चात में देवास एसपी कार्यालय में एसपी महोदय से मिलने पहुंची।
■ यहां एसपी महोदय ने दो घंटे अपने कार्यालय के बाहर बैठा रखा।
■ फिर बाद में ऑफिस में एकांत में बुलाया। यहां उनके द्वारा अनुचित व्यवहार किया जाकर अनर्गल बातें की गई।
■ असहज महसूस होने पर मैं वहाँ से चली गई और 1 दिवस पश्चात उज्जैन जाकर आईजी राकेश गुप्ता सर के समक्ष उपस्थित हुई और अपनी समस्या बताई।
■ मेरी समस्या का निराकरण कर आईजी सर ने तबादला निरस्त कर उसी थाने पर पदस्थ रखे जाने के आदेश एसपी महोदय को दिए।
■ लेकिन 2 दिन बाद एसपी महोदय द्वारा आईजी सर के आदेश की अवहेलना कर मुझे पुनः रात्री 8 बजे अपने कार्यालय बुलाया।
■ एकांत में ऑफिस में बैठाकर मुझपर बुरी नियत रखते हुए मुझे सोच समझकर निर्णय लेने के लिए कहा गया।
■ मेरे द्वारा निर्णय लेने से इंकार करने के बाद से ही उनके द्वारा कभी गैर हाजिरी दर्ज कर तो कभी स्थानांतरण कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
(नोट- जैसा कि महिला एसआई द्वारा की गई लिखित शिकायत में जिक्र)


तब दतिया एसपी रहते हुए थे सस्पेंड, करीबी रिश्तेदार को लड़की छेड़ते हुए रंगेहाथ पकड़ चुके है डीआईजी
देवास एसपी चंद्रशेखर सोलंकी मूलतः उज्जैन जिले के ताजपुर निवासी हैं। आईपीएस बनने के बाद से ही इनका कार्यकाल विवादों भरा रहा है। तब दतिया एसपी रहते हुए रतनगढ़ मेले हादसे में हुई करीब 100 मौतों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सरकार ने घोर लापरवाही पाए जाने पर इन्हें सस्पेंड किया था। सस्पेंड से बहाली के लंबे समय लूपलाइन में रखते हुए शिवराज सरकार ने ही इन्हें बतौर एसपी देवास पोस्टिंग की थी। ऋषिनगर निवासी इनके एक करीबी रिश्तेदार माधवनगर थाने के हिस्ट्रीशीटर बदमाश की सूची में शामिल है। जिन्हें 2008 में तत्कालीन उज्जैन डीआईजी विपिन माहेश्वरी ने लौटस शोरूम के समीप देवास रोड पर लड़की छेड़ते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। वे माधव क्लब से बैडमिंटन खेल लौट रहे थे तभी उन्होंने उसे देवास रोड पर साइकिल से पीछा कर लड़की से छेड़छाड़ करते हुए उसे देखा था। जिस पर गाड़ी से उतरकर उन्होंने ही उसे पकड़ वायरलेस सेट से माधव नगर पुलिस को मौके पर बुलाया। इस कॉल पर टीआई केके उपाध्याय पहुंचे और आरोपी को पकड़ थाने लाए। बाद में आईपीएस चंद्रशेखर सोलंकी परिवार के सदस्य की जानकारी होने पर माधवनगर पुलिस ने लड़की छेड़छाड़ का प्रकरण न बनाते हुए सिर्फ धारा 151 के तहत ही करवाई की।


एसपी सोलंकी ने नहीं किया कॉल रिसीव
महिला एसआई द्वारा की गई लिखित शिकायत के संबंध में पक्ष जानने के लिए डेरिंग ऑफ न्यूज़ ने देवास एसपी चंद्रशेखर सोलंकी से उनके मोबाइल नंबर 94258-76600 पर संपर्क किया। लंबी रिंग जाती रही लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसीप्रकार आईजी राकेश गुप्ता से संपर्क किया लेकिन उनका मोबाइल कवरेज एरिया के बाहर बताता रहा। पीड़ित महिला एसआई से संपर्क किया तो उन्होंने पुलिस रेग्युलेशन का हवाला देकर किसी भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।
-इनका कहना
देवास एसपी के खिलाफ किसी भी महिला एसआई ने प्रत्यक्ष आकर कोई शिकायत नहीं की है। यदि उसने बाय डॉक लिखित शिकायत की है तो वह दिखवानी पढ़ेगी। बिना शिकायत देखे व पढ़े नहीं बताया जा सकता कि उसने क्या व किसके खिलाफ शिकायत की है।
- विपिन माहेश्वरी, एडीजी प्रदेश पुलिस शिकायत विभाग


 


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