क्या ये हैं आशिक मिजाज एसपी का दूसरा किस्सा ? अब महिला आरक्षक द्वारा हस्तलिखित सामने आया मानसिक प्रताड़ना का ये पत्र

डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
देश के आईपीएस और उज्जैन संभाग के एक एसपी इन दिनों फिर खासे चर्चाओं में हैं। ऑफ द रिकार्ड इनकी आशिक मिजाजी के चर्चे रोजाना पुलिस महकमे में चलते रहते हैं लेकिन अब रिकार्ड के तौर पर एक महिला एसआई द्वारा पुलिस हेडक्वार्टर भोपाल से की गई मानसिक प्रताड़ना की लिखित शिकायत के बाद अब एक और महिला आरक्षक का सरकारी दस्तावेज के पीछे मानसिकरूप से प्रताड़ित किए जाने का हस्तलिखित पत्र सामने आया है।
ये आईपीएस चंद्रशेखर सोलंकी हैं, जो वर्तमान में उज्जैन संभाग के देवास जिले के एसपी हैं। इनके खिलाफ देवास जिले में ही पदस्थ महिला एसआई द्वारा मानसिक प्रताड़ना की लिखित शिकायत एडीजी (PHQ), एडीजी शिकायत, विशेष पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम, विशेष पुलिस महानिदेशक महिला अपराध व उज्जैन आईजी राकेश गुप्ता, डीआईजी अनिल शर्मा से की गई है। जिसकी जांच जारी है। अब इसके अलावा इन्हीं एसपी सोलंकी से मानसिक प्रताड़ित किए जाने का महिला आरक्षक द्वारा हस्तलिखित एक पत्र भी सामने आया है।


ये है वो हस्तलिखित पत्र, जो महिला आरक्षक ने अपनी पुलिस सेवा से बर्खास्तगी नोटिस के पीछे लिखा
चित्र में दिखाई दे रहा ये पत्र महिला आरक्षक द्वारा अपने हांथों से लिखा गया है। इस पत्र के अंत में महिला आरक्षक द्वारा अपना नाम, बेच नंबर और पदस्थी थाने का पता भी लिखा है लेकिन पहचान छिपाए रखने के लिए डेरिंग ऑफ न्यूज़ ने महिला आरक्षक के नाम व पते वाले हिस्से को अलग कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक महिला आरक्षक द्वारा ये हस्तलिखित मानसिक प्रताड़ना का पत्र अपनी पुलिस सेवा से बर्खास्तगी वाले नोटिस के पीछे ही लिखा गया है। पुलिस सेवा से बर्खास्तगी का ये नोटिस एसपी चंद्रशेखर सोलंकी द्वारा ही महिला आरक्षक को दिया गया था। पत्र में लिखे विषय- 'श्रीमान के कार्यालय के पत्र क्रमांक पु.अ./देवास/अवकाश A/1604/19 दिनांक 5/8/19 के संबंध में' को पढ़कर ये पुष्टि होती है कि ये नोटिस एसपी सोलंकी की ओर से ही महिला आरक्षक को भेजा गया था क्योंकि पुलिसिया भाषा में एसपी को ही श्रीमान माना जाता है और शार्ट तौर में लिखे पु.अ. का पूरा अर्थ पुलिस अधीक्षक (एसपी) होता है। फिलहाल महिला आरक्षक द्वारा अपनी पुलिस सेवा के बर्खास्तगी के नोटिस पर लिखे इस हस्तलिखित मानसिक प्रताड़ना के इस पत्र को देवास एसपी कार्यालय में छिपा के रखा गया है।


इसलिए महिला आरक्षक को बर्खास्तगी का नोटिस
अतिविश्वस्नीय सूत्रों के मुताबिक महिला आरक्षक तब देवास के औद्योगिक थाने पर पदस्थ थी। इसी दौरान एसपी सोलंकी द्वारा उसे वाट्सएप के जरिए दोस्ती ऑफर की गई। जिसे महिला आरक्षक ने ठुकरा दिया। इसके बाद एसपी सोलंकी द्वारा अपने बच्चे के पढ़ाए जाने के नाम पर घर आने का दवाब बनाया गया लेकिन महिला आरक्षक द्वारा हमेशा एक ही जवाब रहने से कि वह एसपी बंगले नहीं आ सकती। वे चाहे तो अपने बच्चे को पढ़ने के लिए उसके घर (महिला आरक्षक के) भिजवा सकते हैं। इसी से नाराज होकर एसपी सोलंकी ने महिला आरक्षक का तबादला देवास शहर से काफी दूर पिपलरवां थाने कर दिया। यहां स्थानांतरण करने के बाद एसपी सोलंकी द्वारा महिला आरक्षक के खिलाफ सोच-समझकर कागजी गलतियां भरी जाने लगी और इन्ही सोची-समझी गलतियों को आधार बताकर उन्होंने उसे पुलिस सेवा से बर्खास्तगी का नोटिस भेजा। जिस पर महिला आरक्षक द्वारा हताश होकर इसी नोटिस के पीछे एसपी को अपनी मानसिक प्रताड़ना का पत्र लिख दिया गया। पत्र में स्पष्टतौर पर लिखा है कि वरिष्ठ कार्यालय द्वारा कर्तव्य पर उपस्थित होने हेतु दवाब बनाया जा रहा है एवं मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा है और पत्र के लास्ट पैरा में लिखा हुआ है कि-मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित न किया जाए। इससे भी एसपी सोलंकी द्वारा महिला आरक्षक पर मानसिक प्रताड़ना की पुष्टि होती है क्योंकि देवास जिले में पुलिस विभाग का वरिष्ठ कार्यालय एसपी ऑफिस है और इस ऑफिस में बतौर एसपी चंद्रशेखर सोलंकी पदस्थ हैं। सूत्रों के मुताबिक महिला आरक्षक द्वारा बर्खास्तगी नोटिस के पीछे ही अपनी मानसिक प्रताड़ना लिखे जाने से घबराकर एसपी सोलंकी ने उसका तबादला देवास में ही महिला एवं अपराध शाखा में तो कर दिया लेकिन वे अभी भी उसे परेशान करते हैं लेकिन सिर्फ नौकरी जाने के भय से महिला आरक्षक द्वारा इसकी शिकायत किसी भी अधिकारी से नहीं की जा रही है।


एसपी सोलंकी ने फिर नहीं किया कॉल रिसीव
महिला एसआई द्वारा की गई लिखित शिकायत और अब महिला आरक्षक द्वारा हस्तलिखित मानसिक प्रताड़ना का पत्र सामने आने के संबंध में पक्ष जानने के लिए डेरिंग ऑफ न्यूज़ ने देवास एसपी चंद्रशेखर सोलंकी से उनके मोबाइल नंबर 94258-76600 पर संपर्क किया गया लेकिन इस बार भी लंबी रिंग जाती रही पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसीप्रकार आईजी राकेश गुप्ता से भी दोबारा संपर्क किया गया लेकिन इस बार उनका मोबाइल नॉट रिचेबल बताता रहा। इधर मानसिक प्रताड़ना का पत्र लिखने वाली महिला आरक्षक ने सिर्फ इतना ही कहा कि वह गरीब ब्राह्मण की बेटी है। पुलिस महकमे में सबसे छोटे पद पर है इसलिए खामोशी की चादर ओढ़ रखी है।


उज्जैन आईजी गुप्ता को सौंपी जांच: एडीजी माहेश्वरी
महिला एसआई द्वारा एसपी सोलंकी की लिखित शिकायत के संबंध में अधिक जानकारी के लिए एक मर्तबा फिर प्रदेश पुलिस शिकायत विभाग के एडीजी विपिन माहेश्वरी से संपर्क किया गया। इस बार उन्होंने कहा कि देवास एसपी सोलंकी के खिलाफ महिला एसआई ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए मामले की पूरी जांच उज्जैन आईजी राकेश गुप्ता को सौंपी गई हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही देवास एसपी के खिलाफ किसी तरह का एक्शन लिया जा सकता है।


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