डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
एक बेवफा विवाहिता ने साजिश रच अपने प्रेमी और उसके साथियों से पति की हत्या करवा कर खुद अपनी मांग उजड़वाई थी। करीब 4 साल न्यायालय में चले प्रकरण के बाद बुधवार शाम न्यायालय ने फैसला सुनाया। जिस पर विवाहिता सहित उसके प्रेमी और साथियों को अब आजन्म जेल में चक्की पीसनी होगी।
करीब 4 साल पहले टॉवर पर हुए सनसनीखेज मनीष मीणा हत्याकांड में बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने मीनाक्षी पति मनीष मीणा निवासी विवेकानंद कॉलोनी, उसके प्रेमी हनीफ पिता अनवर खां निवासी खंदार मोहल्ला, प्रेमी हनीफ के साथी रिजवान पिता अब्दुल रईस अंसारी निवासी छोटी खंदार नलियाबाखल को धारा 302 में आजीवन कठोर कारावास व आरोपी इंजमामउद्दीन उर्फ जमाम पिता रफीकउद्दीन निवासी खंदार मोहल्ला नलिया बाखल को धारा 201 में 07 साल सश्रम कारावास एवं धारा 25,27 आयुध अधिनियम में 03-03 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई ।
सनसनीखेज हत्याकांड पर एक नजर
उप-संचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास के अनुसार 18 अगस्त 2015 को आरोपी मीनाक्षी मीणा ने फरियादी बनकर पुलिस को रिपेार्ट दर्ज कराई थी कि उसके पति मनीष मीणा टाटा फाइनेंस कम्पनी की फ्रेचाईजी में होम लोन का काम करते है। उनका ऑफिस बसावडा पट्रोल पम्प के पीछे वाली गली में प्रथम तल पर है। वह एनजीओ में जॉब करती है। सुबह मेरे पति के मोबाईल पर लगातार फोन आ रहे थे। फोन पर कोई व्यक्ति उनको लगातार बोल रहा था कि वे जल्दी ऑफिस आ जाए। तब मैं पति मनीष को उनके ऑफिस छोडने के लिये अपनी स्कूटी से करीब 10ः30 बजे घर से निकली करीब 10ः40 बजे वह पति मनीष को साथ लेकर टॉवर पर पहुंची। जहॉ उसने पति मनीष को बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम के पास छोड व अपने काम से माधवनगर अस्पताल के लिए रवाना हो गई।तभी अस्पताल पहुंचने पर मोबाईल पर उसकी मां का फोन आया और उन्होंने पूछा की वह कहां है। जवाब देने पर मां ने कहा कि वहीं रुक मैं भी आ रही हूं। इसके बाद वह मां गीता के साथ जिला अस्पताल पहुंची। जहां भाई अंकित ने उसे बताया कि किसी ने जीजा को जान से मारने की नियत से सिर पर गोली मार दी है। तब प्रकरण में देहाती नाल से अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 307 में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई। 22 अगस्त 2015 को इलाज के दौरान घायल मनीष मीणा ने दम तौड़ दिया। इसके बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू की गई।
जांच में तब सामने आया कि मीनाक्षी ने ही खुद प्रेमी से उजड़वाई थी अपनी मांग
उप संचालक अभियोजन डॉ. व्यास के मुताबिक हत्या की विवेचना के दौरान घटना के स्वतंत्र साक्षी ने पुलिस को सूचना दी और बताया कि घटना दिनांक के सुबह 10ः30 बजे दोनों लोग टावर पर चाय पीने के बाद बसावडा पेट्रोल पंप की गली मे पेशाब करने गये तभी मनीष मीणा इन लोगों के पास से पैदल निकलकर गया और मनीष कुछ दूर गया था कि उसके पीछे लाल, काले रंग की मोटरसायकल पर 2 लडके गये, मोटरसायकल के पीछे बैठे लड़के ने पिस्टल से मनीष मीणा के सिर में गोली मारकर सीधे सनसाईन टावर की ओर भाग गए। इन साक्षीगणो द्वारा बताये हुलिये के आधार पर पुलिस ने बदमाशों की शुरू की।3 सितंबर 2015 को एक साक्षी ने पुलिस को बताया कि मनीष की हत्या के करीब दो-ढाई महीने पहले मोहल्ले के हनीफ को उसके मकान में एक महिला के साथ लोगों ने आपत्तिजनक हालत में पकडा था। हनीफ अक्सर इस महिला को अपने अंबर कॉलोनी वाले खाली पड़े मकान में लेकर जाता था। तब इस घटना के दौरान महिला ने अपने पति को अंबर कॉलोनी में बुलाया था। यहां उसका पति मनीष मीणा आया और काफी गुस्सा हुआ था। इसके बाद मनीष मीणा अपनी पत्नी मीनाक्षी से एनजीओ की नौकरी छोड़ने का दबाव बनाने लगा। यहां मीनाक्षी के पति मनीष मीणा व हनीफ में जमकर कहा-सुनी हुई थी। प्रकरण में मृतक की पत्नि के हनीफ से प्रेम प्रंसग की सूचना प्राप्त होने पर हनीफ की व मीनाक्षी की कॉल डिटेल प्राप्त कर अवलोकन किया गया। जिसमें हनीफ व मीनाक्षी के अवैध संबंध होना पाए गए। घटना के संबंध में हनीफ से पूछताछ करने पर यह तथ्य सामने आए की हनीफ व मीनाक्षी मीणा दोनों साथ-साथ बेगमबाग इलाके में एक साथ काम करते थे। चार-पांच महीनों से उनके बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था।जिसकी जानकारी मीनाक्षी के पति मनीष मीणा को हो गई थी। मीनाक्षी से अंधा प्यार होने के कारण मनीष मीणा को मारने के अतिरिक्त कोई रास्ते नही होने से हनीफ व मीनाक्षी ने उसे मारने की ठानी। जिस पर मुख्य आरोपी हनीफ ने अपने साथी रिजवान को साथ लेकर मनीष मीणा की गोली मारकर हत्या कर दी। इस सनसनीखेज हत्याकांड में उसके दो अन्य साथियों ने भी सहयोग किया था। इस तरह विवाहिता ने ही साजिश रच कर प्रेमी से ही उजड़वाई थी अपनी मांग।प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी राजकुमार नेमा डीपीओ एवं सूरज बछेरिया अति डीपीओ द्वारा की गई।