सिंधिया स्टेट की भूमि पर कब्जे की कोशिश, स्वास्थ्य मंत्री सिलावट के निज सहायक के मैनेजर पिता को इन्होंने दी जान से मारने की धमकी, महिला सहित तीन आरोपियों पर देवासगेट थाने में मुकदमा

डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
सिंधिया स्टेट की शहर में अभी कुल कितनी भूमि है। वर्तमान दौर में संभवतः ये सिंधिया स्टेट के वारिस पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी नहीं पता होगी। आजादी के पहले से अब तक सिंधिया पीढ़ी समय-दर-समय लोक, जन व धर्म हित में अपनी निजी भूमियां दान भी करती आई है। बावजूद फिर भी उज्जैन शहर में सिंधिया स्टेट की कई भूमि व इमारतें ट्रस्ट के या फिर अन्य रूप में मौजूद हैं।
इन्ही में से कुछ बीघा उनकी भूमि देवासगेट थाने के पीछे भी मौजूद है। जिस पर उनके ट्रस्ट की संख्याराजे धर्मशाला बनी हुई है। इसी की कुछ भूमि पर कब्जे की कोशिश को लेकर बुधवार शाम करीब 5 बजे स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के निज सहायक शैलेन्द्र सिंह चौहान के मैनेजर पिता के साथ अभद्रता कर जान से मारने की धमकी दी गई। 
देवासगेट पुलिस ने इस मामले में गुरुवार शाम करीब 7 बजे इंदिरानगर निवासी फरियादी शिवबक्क्षसिंह चौहान की रिपोर्ट पर संख्याराजे धर्मशाला के पीछे रहने वाले आरोपी संजय पिता मदनलाल खरे (43), अनिता, उसके पति शिवनारायण व अन्य के खिलाफ धारा 294, 506 व 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया। 70 वर्षीय शिवबक्क्षसिंह चौहान स्वास्थ्य मंत्री सिलावट के सरकारी पीए शैलेन्द्रसिंह चौहान के पिता हैं। वे सालों से संख्याराजे धर्मशाला ट्रस्ट के मैनेजर हैं। इधर उनके पुत्र शैलेन्द्रसिंह चौहान दूध व डेयरी विभाग में पदस्थ रहकर स्वास्थ्य मंत्री सिलावट के निज सहायक हैं।


मैनेजर के मुताबिक ये है मामला
मैनेजर शिवबक्क्ष सिंह चौहान के मुताबिक आरोपी संजय खरे, अनिता, उसका पति शिवनारायण व अन्य लोग संख्याराजे धर्मशाला की खुली भूमि पर पक्का निर्माण कर रहे हैं। उन्हें जब इस निर्माण कार्य के लिए रोका गया तो उन्होंने ऑफिस में आकर अभद्रता की व जान से मारने की धमकी दी। एसआई जीके शर्मा के मुताबिक आरोपी संजय खरे, अनिता व उसके पति शिवनारायण सहित अन्य के खिलाफ धारा 294, 506 व 34 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।


(सिंधिया स्टेट जमाने का कोठी पैलेस)


सिलावट भी सिंधिया समर्थक और उनके कोटे से स्वास्थ्य मंत्री
तुलसी सिलावट पूर्व सांसद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। वे इंदौर निवासी हैं और सांवेर से विधायक हैं। सिंधिया कोटे से ही वे मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं जबकि शैलेन्द्र सिंह चौहान उनके निज सहायक हैं और उनके पिता शिवबक्क्षसिंह चौहान संख्याराजे धर्मशाला ट्रस्ट के मैनेजर हैं व संख्याराजे धर्मशाला ट्रस्ट सिंधिया स्टेट की है।


सिंधिया स्टेट की उज्जैन में कई संपत्तियां खुर्द-बुर्द करने में उनके कुछ चट्टो-बट्टों की विशेष भूमिका
1 नवंबर 1956 मध्यप्रदेश गठन के पहले तक उज्जैन जिला सिंधिया स्टेट में ही शामिल था। सिंधिया स्टेट की आज भी देश के कई प्रदेशों में भूमि व इमारतें मौजूद हैं लेकिन ये कुल भूमि व इमारतें कहाँ कितनी हैं। ये सिंधिया स्टेट की संपत्तियों का रख-रखाव करने वाले ही ठीक से बता सकते हैं। उज्जैन में श्रावण-भादौ मास की महाकाल सवारी सिंधिया स्टेट की ही देन है। कोठी पैलेस, कालियादेह पैलेस, माधव कॉलेज, माधव क्लब, महाराज वाडा,ग्रांड होटल, जिला अस्पताल, टॉवर, टॉवर के सामने वाली सहित अन्य इमारतें सिंधिया स्टेट जमाने की हैं। सिंधिया स्टेट का प्रतीक चिन्ह सूर्य देवता के दोनों ओर बैठे हुए नाग हैं और मूल मंत्र-"ॐ हा ही हो सा सूर्याय नमः" है। ये प्रतीक चिन्ह वर्तमान में कोठी पैलेस, गोपाल मंदिर, हरसिद्धि मंदिर व रामघाट के समीप लकड़ी की टाल के बाहर दीवार पर देखे जा सकते हैं। ये प्रतीक चिन्ह फ्रीगंज ओवर ब्रिज के पास ग्रांड होटल पर भी था लेकिन 2016 सिंहस्थ विकास कार्य के नाम पर इसे मिटा दिया गया। कुल मिलाकर सिंधिया स्टेट की कई संपत्तियां खुर्द-बुर्द करने में उनके कुछ चट्टों-बट्टों की ही विशेष भूमिका है। इस खुर्द-बुर्द में पुरुषोत्तम सागर की कई एकड़ भूमि भी शामिल है। वर्तमान में सिंधिया स्टेट के वारिस ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं, जो ग्वालियर स्थित जय-विलास पैलेस के निवासी हैं। वे गुना लोकसभा सीट से पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं। परम्परा अनुसार वे हर शाही सवारी में बाबा महाकाल पालकी पूजन के लिए उज्जैन गोपाल मंदिर पर आते हैं।


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