डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
दी आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक व आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने बुधवार को सालों बाद भूतभावन बाबा महाकाल के दर्शन किए। ये जानकारी खुद उन्होंने मीडिया को दी।
इसके पहले उन्होंने महाकालेश्वर भगवान का पूजन अभिषेक किया। पूजन-अभिषेक पंडित अभिषेक शर्मा (बाला गुरु) व पंडित पीयूष चतुर्वेदी ने संपन्न करवाया। पूजन-अभिषेक के पश्चात श्री श्री रविशंकर ने सभा मंडप में चल रहे निर्माण कार्य को देखा। इसके बाद मंदिर परिसर स्थित साक्षी गोपाल मंदिर, श्री नवग्रह मंदिर, श्री अनादिकल्पेश्वर, श्री वृद्ध महाकालेश्वर (जूना महाकाल) सहित अन्य सभी मंदिरों में दर्शन किए।
दर्शन उपरांत मंदिर प्रशासक एस एस रावत ने श्री श्री रविशंकर के दुपट्टा व प्रसाद भेंट कर सम्मान किया। आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने मीडिया से चर्चा में कहा कि वे बहुत सालों बाद महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए आए हैं। मंदिर की व्यवस्था बहुत अच्छी है। श्रद्धालुओं के मंदिर में आने-जाने व दर्शन के लिए काफी सुविधा है। इस दौरान सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी, सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
नक्षत्र वाटिका से मिटेंगे रोग और मिलेगी शांति
श्री श्री रविशंकर ने महाकाल मंदिर प्रशासनिक अधिकारियों को सुझाव दिया कि मंदिर परिसर में 27 नक्षत्र के अलग-अलग वृक्ष लगाए जाएं। जिसे नक्षत्र वाटिका नाम दिया जाए। इन वृक्षों के सामने उनके नाम व उनसे होने वाले लाभों का विवरण बोर्ड पर दिया जाए। यदि ऐसा होता है तो इसकी परिक्रमा मात्र से भक्तों को शांति मिलेगी व रोग भी ठीक होंगे।