डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
यहां अभी घोड़ा पछाड़ एक स्थान है और सट्टा रुपए के हार-जीत का एक खेल। वैसे घोड़ा पछाड़ भी एक खेल है लेकिन मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया के हावी होते ही नई पीढ़ी इस खेल से अंजान है। सट्टा-जुआ एक सामाजिक बुराई है और जो इस बुराई को पुलिस के खौफ को ताक में रखकर पालता-पोषता है। वह 'बुराई का पोषक' कहलाता है।
ऐसे ही बुराई के एक पोषक को महिदपुर पुलिस ने घोड़ा पछाड़ इलाके से सट्टा खाईवाली करते हुए दबोचा है। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार इस आरोपी का नाम दिलीप पिता कन्हैया लाल प्रजापत निवासी गांधी गली (महिदपुर) है। इसे घोड़ा पछाड़ इलाके से गुरुवार देर शाम सट्टा खाईवाली करते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। एसआई राहुल रावत के अनुसार आरोपी दिलीप के कब्जे से 580 रुपए नकदी व हजारों रुपए की सट्टा पर्ची बरामद की गई।
घोड़ा पछाड़ में खाईवाली करते गांधी गली के इस 'बुराई के पोषक' को पुलिस ने रंगेहाथ दबोचा