इन राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार की दुकानों पर भी शराब अब 5 फीसदी महंगी, बाढ़ प्रभावितों के लिए राज्य सरकार का अहम फैसला
डॉन रिपोर्टर, उज्जैन।
प्रदेश में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जिसके तहत शराब पर भी पांच फीसदी वेट बढ़ाया गया है। अब ऐसे में इन राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार की दुकानों पर भी अब शराब 5 प्रतिशत महंगी हो जाएगी।
ये राज्यस्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार विवेक जायसवाल हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी इनका अधिमान्यता कार्ड क्रमांक DPR/S/0536 है। इनकी प्रदेश में 30 से अधिक शराब दुकानें है। जिस पर शराब के वैध-अवैध कारोबार के बीच इन्हें प्यार से घोटू भैया के नाम से भी पुकारा जाता है। इनकी शराब दुकानों पर भी बढ़ी हुई नई दरें शुक्रवार रात 12 बजे से लागू कर दी गई।
दुविधा में daringofnews.com आखिर कैसे करे समाचार का खंडन
राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार व शराब ठेकेदार विवेक जायसवाल उर्फ घोटू भैया तत्कालीन महिदपुर एसडीओपी धर्मराज सूर्यवंशी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में प्रकरण दर्ज करवाने के बाद से ही सुर्खियों में हैं। विवेक जायसवाल उर्फ घोटू भैया के विषय में daringofnews.com लिख रहा है कि वे राज्यस्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार व शराब ठेकेदार हैं। हाल ही में उनके अधिवक्ता मुरारीलाल पाठक की ओर से 2 करोड़ रुपए मानहानि का नोटिस daringofnews.come को भेज चेतावनी दी गई है कि समाचारों का खंडन कर माफी मांगी जाए अन्यथा 2 करोड़ रुपए मानहानी का वाद न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया जाएगा। इस नोटिस के बाद से ही daringofnews.come दुविधा में है कि आखिर समाचार का कैसे खंडन कर प्रकाशित कर माफी मांगे क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिमान्यता कार्ड DPR/S/0536 से ये स्पष्ट है कि वे एक राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार हैं। सरकार से लायसेंस प्राप्त कर उन्होंने शराब दुकानों के ठेके ले रखे हैं इसलिए ये भी स्पष्ट है कि वे शराब ठेकेदार हैं। खासबात ये है कि उनके अधिवक्ता पाठक ने 2 करोड़ का मानहानि नोटिस में खुद माना है कि उनके पक्षकार विवेक जायसवाल राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार व शासन से लाइसेंस प्राप्त शराब ठेकेदार है। साथ ही उनका केबल कारोबार व कई शिक्षण संस्थाएं हैं। अब ऐसे में किस जानकारी का खंडन प्रकाशित कर माफी मांगी जाए daringofnews.com इसी दुविधा में है।
तब शायद खंडन प्रकाशित करना हो सकता है आसान ?
विवेक जायसवाल उर्फ घोटू भैया मध्यप्रदेश सरकार द्वारा घोषित राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार व लाइसेंस प्राप्त शराब ठेकेदार हैं। यदि सरकार उनका अधिमान्यता कार्ड क्रमांक DPR/S/0536 छीन ले तो उनके राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार का तमगा स्वतः ही हट जाएगा और यदि शराब ठेके के लायसेंस छीन ले तो वे वैध शराब ठेकेदार नहीं कहला सकते। ऐसे में यदि सरकार उनका अधिमान्यता कार्ड व शराब ठेके के लाइसेंस दोनों छीन ले तो वे राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकार व शराब ठेकेदार न कहलाते हुए सिर्फ और सिर्फ विवेक जायसवाल उर्फ घोटू भैया ही रहेंगे। तब शायद ऐसी स्थिति में खंडन प्रकाशित करना आसान हो जाए।